सुरक्षा तंत्र की आलोचना कर बुरे फंसे नेतन्याहू, मांगनी पड़ी माफी, बोले- ऐसा नहीं कहना चाहिए था
यरुशलम, एजेंसी। इस्राइल और हमास के बीच जारी युद्ध ने 23वें दिन में प्रवेश कर दिया है। इस बीच, इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपने एक बयान को लेकर अपने सहयोगियों और विपक्ष की तीखी आलोचनाओं को लेकर घिर गए हैं। नेतन्याहू ने सात अक्तूबर को हमास के घातक हमले को रोकने में विफलता के लिए देश की सुरक्षा सेवाओं को दोषी ठहराया था। हालांकि, रविवार को उन्होंने अपने बयान को लेकर माफी मांगी है।
नेतन्याहू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से उस मूल बयान को हटा दिया और एक नए पोस्ट में कहा, मैं गलत था। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मैंने जो बातें कहीं, उन्हें नहीं कहा जाना चाहिए था और इसके लिए मैं माफी मांगता हूं। मैं (सुरक्षा सेवाओं को) पूरा समर्थन देता हूं। उन्होंने आगे कहा, मैं सुरक्षा सेवाओं के सभी प्रमुखों को पूरा समर्थन देता हूं। मैं (आईडीएफ) के चीफ ऑफ स्टाफ, कमांडरों और सैनिकों को समर्थन दे रहा हूं, जो फ्रंटलाइन पर हैं और हमारे घरों (की सुरक्षा) के लिए लड़ रहे हैं।
इस्राइली प्रधानमंत्री ने शनिवार देर रात एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि उन्हें किसी भी स्तर पर हमास के युद्ध के इरादों के बारे में कोई चेतावनी नहीं मिली थी। उन्होंने जोर देकर कहा था कि सैन्य खुफिया प्रमुख और शिन बेट (घरेलू खुफिया एजेंसी) के प्रमुख सहित सभी सुरक्षा सेवाओं की राय थी कि हमास विचलित है और एक समझौते पर आना चाहता है। उनकी इस टिप्पणी की तीखी आलोचना हुई, जिसके बाद इसे हटा दिया गया।
शनिवार शाम को एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों ने बार-बार नेतन्याहू से सवाल किया कि क्या उन्होंने हमास के हमलों को रोकने में विफलता के लिए अपनी जिम्मेदारी मानी है। एक सवाल को उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया कि युद्ध के बाद इसके बारे में गहन जांच होगी और मेरे सहित सभी को जवाब देना होगा। इस बड़ी विफलता की कई सुरक्षा प्रमुखों ने जिम्मेदारी ली है लेकिन नेतन्याहू ने इसकी कोई भी जिम्मेदारी लेने से परहेज किया है। नेतन्याहू 13 महीने के छोटे से कार्यकाल को छोड़कर 2009 से इस्राइल के प्रधानमंत्री हैं।
वहीं, इस्राइली सेना के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने भी इस सवाल से दूरी बनाई और कहा, मैं इस सवाल का जवाब नहीं दूंगा। हम अब एक युद्ध में हैं और इस पर फोकस कर रहे हैं।