कोरोना वैरिएंट के खिलाफ नई एंटीबाडी की हुई पहचान
नई दिल्ली,एजेंसी। कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबले के लिए प्रभावी उपचार खोजने में जुटे शोधकर्ताओं को बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने ऐसी नई एंटीबाडी की पहचान की है, जो कोरोना के विभिन्न वैरिएंट के खिलाफ बेहद प्रभावी हो सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, इस एंटीबाडी की मामूली डोज भी कोरोना के ज्यादातर वैरिएंट से उच्च स्तर पर सुरक्षा मुहैया करा सकती है।
इम्युनिटी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, इस खोज से एंटीबाडी आधारित नए उपचारों के विकास की दिशा में एक और कदम बढ़ा है। अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता माइकल एस डायमंड ने कहा, मौजूदा एंटीबाडी कुछ वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी हो सकती हैं, लेकिन सभी वैरिएंट से मुकाबला नहीं कर सकती हैं। शोधकर्ताओं ने कोरोना के व्यापक वैरिएंट के खिलाफ बेहद कारगर एंटीबाडी की तलाश में चूहों पर अध्ययन किया। इन चूहों को रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (आरबीडी) के साथ वैक्सीन की डोज दी गई।
आरबीडी कोरोना के स्पाइक प्रोटीन का एक हिस्सा है। यह वायरस इसी प्रोटीन के इस्तेमाल से मानव कोशिकाओं में दाखिल होता है और संक्रमण फैलाता है। शोधकर्ताओं ने इसके बाद चूहों से एंटीबाडी की उत्पत्ति करने वाली सेल्स (कोशिकाओं) को निकालकर 43 एंटीबाडी प्राप्त की।
ये एंटीबाडी आरबीडी की पहचान करने में सक्षम पाई गई। शोधकर्ताओं ने यह जानने के लिए बारीकी से परीक्षण किया कि इन एंटीबाडी में से कौन कोशिकाओं को कोरोना के मूल वैरिएंट से ज्यादा प्रभावी तरीके से बचाव कर सकती है। इनमें से दो एंटीबाडी सबसे ज्यादा प्रभावी पाई गई। शोधकर्ताओं ने कोरोना के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा समेत कई वैरिएंट को लेकर यह अध्ययन किया है। बता दें कि इस वक्त देश कोरोना क दुसरी लहर का सामना कर रहा है। हालांकि, अब पहले से कम मामले दर्ज किए जा रहे हैं।