जलवायु खतरों से निपटने को लेकर जी-20 देशों के पास नहीं है कोई ठोस रणनीति

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नई दिल्ली, एजेंसी। जलवायु वार्ता से पूर्व जी-20 देशों ने सदी के अंत तक तापमान बढ़ोत्तरी को डेढ़ डिग्री तक सीमित रखने पर सहमति तो प्रकट की है। लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उनके पास अभी भी ठोस रणनीति का अभाव है। लक्ष्य को हासिल करने के लिए जी-20 देशों को कई मुद्दों पर स्पष्टता प्रकट करने की जरूरत थी जो कि उनके द्वारा नहीं की गई। जलवायु विशेषज्ञों के अनुसार जी-20 देशों की घोषणा में लक्ष्य एवं दृष्टि का अभाव साफ नजर आता है।
जी-20 देश वैश्विक कार्बन उत्सर्जन के करीब 75 फीसदी हिस्से के लिए जिम्मेदार हैं। इसलिए उनके द्वारा उठाए जाने वाले कदम जलवायु खतरों से निपटने में निर्णायक साबित होंगे। लेकिन जी-20 देशों की डेढ़ डिग्री पर सहमति की घोषणा लुभावनी है लेकिन वे इसका रास्ता नहीं बता रहे। सिर्फ यह कहा गया है कि सदी के मध्य तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। लेकिन इसमें 2050 की समय सीमा रखने से परहेज किया गया है क्योंकि चीन समेत कई देशों के लक्ष्य 2060 के हैं। इस प्रकार पूरा जोर दीर्घकालिक लक्ष्यों के निर्धारण पर रहा है। कम अवधि के 2030 के लक्ष्यों को लेकर स्पष्टता नहीं है।
इसके अलावा जी-20 देशों ने निर्णय लिया है कि वे देश के बाहर कोयले पर निवेश नहीं करेंगे।
लेकिन देश के भीतर निवेश पर रोक पर कोई पाबंदी नहीं है। इसी प्रकार जलवायु खतरों से निपटने के लिए कोयले से पैदा होने वाली बिजली पर निर्भरता खत्म करने पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन जी-20 देशों का घोषणापत्र इस मुद्दे पर चुप है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि वह शून्य कार्बन उत्सर्जन का ऐलान करते हैं तो उन्हें कोयले के इस्तेमाल को बंद करने की समय सीमा निर्धारित करनी चाहिए। जो नहीं की गई है।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्घू के तेवर नहीं बदले हैं। वह जैसे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को लगातार उनके फैसलों और उनकी नीतियों को लेकर घेर रहे थे, ठीक उसी तरह वर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के फैसले पर भी लगातार सवाल उछा रहे हैं। चन्नी पर तंज कसते हुए सिद्घू ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही घोषणाओं के लिए कोई बजटीय प्रावधान नहीं है। आपको बता दें कि सिद्घू के इस तरह के बयान से उनकी पार्टी और सरकार लगातार असहज हो रही है।
कांग्रेस पार्टी बार-बार यह साबित करने में जुटी है कि उसकी पंजाब इकाई में सबकुछ ठीक चल रहा है लेकिन प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्घू लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे साफ है कि पंजाब कांग्रेस की कलह बरकरार है। सिद्घू ने आज यह भी कहा कि जिसने भी दावा किया कि पंजाब का खजाना खाली नहीं है, वह झूठ बोल रहा है।
इससे पहले सिद्घू ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा था कि वह असली मुद्दों पर डटे रहेंगे और इनसे ध्यान नहीं हटने देंगे। इससे पहले सिद्घू ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि वह चन्नी सरकार को 13 मुद्दों पर काम करने के निर्देश दें।
पंजाब में नई सरकार के गठन के बाद सिद्घू केसी वेणुगोपाल और हरीश रावत जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से दिल्ली में मुलाकात की थी। इस दौरान भी सिद्घू ने एक 18 सूत्रीय एजेंडा को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की थी और कहा था कि इनपर कार्रवाई की जाए। इसमें साल 2015 के गुरुग्रंथ साहिब बेअदबी केस के आरोपियों के खिलाफ एक्शन और ड्रग्स माफियाओं पर कार्रवाई भी शामिल थे।

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