कोटद्वार-पौड़ी

कोटद्वार में स्वच्छ वातावरण में मोक्ष भी नहीं नसीब

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-झूलाबस्ती के पास स्थित मुक्ति धाम के चारों ओर लगे हैं कूड़े का ढेर
-नगर निगम की लापरवाही के कारण कूड़े से उठ रही दुर्गंध से लोगों का सांस लेना तक मुश्किल
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लोग अपनों के निधन के बाद इस कामना के साथ झूलाबस्ती के पास स्थित मुक्ति धाम में उनका अंतिम संस्कार करते हैं कि उन्हें यहां से मोक्ष प्राप्त हो सके। लेकिन, धाम के चारों ओर लगे कूड़े के ढेर से उठती दुर्गंध से अंतिम यात्रा में आए लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है। सबकुछ जानने के बावजूद नगर निगम की लापरवाही ऐसी है कि कोटद्वार में स्वच्छ वातावरण में मोक्ष तक प्राप्त नहीं हो पा रहा है। हालांकि, जनता की इस समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने ट्रेंचिंग ग्राउंड निर्माण के लिए 0.998 हेक्टेयर भूमि नगर निगम को हस्तांरित की है, लेकिन नगर निगम की इच्छाशक्ति इतनी कमजोर है कि अभी तक उक्त पर ट्रेंचिंग ग्राउंड को लेकर कोई कवायद भी नहीं हुई है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगम आमजन के स्वास्थ्य को लेकर कितना गंभीर है।
केंद्र सरकार के शासनादेश के अनुसार कोटद्वार नगर निगम को ट्रेंचिंग ग्राउंड निर्माण के लिए भाबर क्षेत्र के अंतर्गत 0.998 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति मिली हुई है। लेकिन नगर निगम की कार्यप्रणाली इतनी उदासीन है कि लंबे समय से विरोध के बावजूद झूलाबस्ती के पास लगे कूड़े को ढेर को हटाने और नए ट्रेंचिंग ग्राउंड के निर्माण के लिए कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। जिसका नतीजा है कि झूलाबस्ती के आसपास के लोग इस कूड़े के ढेर से उठती दुर्गंध से परेशान हैं। यहां कूड़े का ढेर लगातार फैलता जा रहा है और मुक्ति धाम को जाने वाले मार्ग तक कूड़ा फैला रहता है। अब गर्मियां शुरू हो गई हैं तो इस कूड़े के ढेर से उठती तीखी दुर्गंध से मुक्ति धाम के सेवादार समेत यहां अंतिम यात्रा में आने वाले लोगों का बुरा हाल हो जाता है। मुक्ति धाम के सेवादार महाराज सतपाल नाथ का कहना है कि कूड़े से उठती दुर्गंध के कारण अंतिम यात्रा में शामिल कई लोग आधे रास्ते से ही वापस लौट जाते हैं। बस परिवार के कुछ लोग ही मुक्ति धाम में प्रवेश करते हैं। कई बार निगम प्रशासन से इस संबंध में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। पर्यावरण चेतना सामाजिक संस्था के अध्यक्ष का कहना है कि जनता की समस्या के निस्तारण को लेकर नगर निगम कुछ करना ही नहीं चाहता है। निगम को चाहिए कि वह ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए चिह्नित भूमि पर ही कूड़े का निस्तारण करे, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। हमने कूड़ा निस्तारण को लेकर आंदोलन भी किया, लेकिन निगम से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।

मुक्ति धाम के पास स्थित मंदिर में पूजा करना मुश्किल
मुक्तिधाम के पास स्थित मंदिर में पूजा करने वाले राजकुमार का कहना है कि वह रोज मंदिर में पूजा करने आते हैं, लेकिन पास में ही लगे कूड़े के ढ़ेर के कारण इतनी दुर्गंध उठती है कि यहां एक पल भी ठहरना मुश्किल हो जाता है। कई बार नगर निगम प्रशासन से गुहार लगाई जा चुकी है कि यहां से कूड़ा हटाने के लिए कुछ किया जाए, लेकिन यह समस्या कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है।

भाबर में ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए मिली भूमि पर कूड़ा निस्तारण को लेकर कवायद तो की गई है, लेकिन इस कार्य के लिए अभी पर्यावरण समिति की ओर से अनुमति नहीं मिल पाई है। पर्यावरण समिति ट्रेंचिंग ग्राउंड को शुरू करने से पहले पर्यावरण पर उसके पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करती है और आसपास के लोगों की आपत्तियों व सुझाव को लेकर रिपोर्ट तैयार करती है। उसके बाद ही यहां ट्रेंचिंग ग्राउंड निर्माण व अन्य कार्य किए जा सकते हैं। अभी इस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा, इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता है।
मोहम्मद कामिल, सहायक नगर आयुक्त, नगर निगम कोटद्वार

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