सात लाख तक टैक्स नहीं, स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा और लीव एनकैशमेंट पर भी फायदा
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में मोदी सरकार 2़0 का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया। इस बजट के माध्यम से सरकार ने सभी तबकों को साधने की कोशिश की। इस दौरान सरकार ने मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को आयकर मोर्चे पर राहत तो लघु बचत योजनाओं के तहत निवेश सीमा बढ़ाकर बुजुर्गों और नई बचत योजना के जरिये महिलाओं को सौगात दी।
इसके साथ ही सरकार ने बुनियादी ढांचे पर खर्च में 33 फीसदी की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि बजट के पिटारे से किस सेक्टर को क्या-क्या मिला।
नई कर व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति की आय सात लाख रुपये है, उसे कोई कर नहीं देना होगा। अब तक यह सीमा पांच लाख रुपये है।
सरकार ने साथ ही कर श्स्लैबश् को सात से घटाकर पांच किया गया है। साथ ही अधिकतम अधिभार की दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने के बाद कर की दर 42़7 प्रतिशत से घटकर लगभग 39 प्रतिशत रह जाएगी।
वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों को भी राहत दी। इसके तहत वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत जमा सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी गयी है। वहीं मासिक आय योजना के तहत जमा सीमा बढ़ाकर नौ लाख रुपये की गयी है।
वित्त मंत्री ने महिलाओं के लिये अलग से नई बचत योजना श्महिला सम्मान बचत पत्रश् की घोषणा की। इसमें दो वर्ष के लिये दो लाख रुपये तक की बचत पर 7़5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा।
निर्मला सीतारमण ने अपना पांचवां पूर्ण बजट ऐसे समय पेश किया जब वैश्विक चुनौतियों के कारण अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ रही है और सामाजिक क्षेत्रों पर खर्च बढ़ाने के साथ स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को प्रोत्साहन बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने मोबाइल फोन कल-पुर्जों तथा हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये लीथियम बैटरी और अन्य ऐसे सामान के लिये सीमा शुल्क में कटौती की भी घोषणा की। यह अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है। अगले साल फरवरी में अंतरिम बजट यानी लेखानुदान पेश किया जाएगा।
बजट में वित्त वर्ष 2023-24 के लिये पूंजीगत व्यय लगातार तीसरी बार उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया गया है। इसे 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया है जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3़3 प्रतिशत बैठता है। यह वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले तीन गुना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद से सड़कों और ऊर्जा सहित पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्घि की है।
निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि इस बजट में पिछले बजट में रखी गई नींव पर सतत निर्माण करते हुए श्भारत /100श् के लिये खींची गई रेखा पर आगे बढ़ते रहने की उम्मीद की गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था श्चमकता सिताराश् है। चालू वित्त वर्ष में सात प्रतिशत जीडीपी वृद्घि का अनुमान है जो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक है।
सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्घ के कारण वैश्विक नरमी के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर है। बजट में कुल व्यय 7़4 प्रतिशत बढ़कर 45 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा गया है। राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5़9 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा है। यह चालू वित्त वर्ष के 6़4 प्रतिशत के अनुमान से कम है। इसका मतलब है कि सरकार को कुल 15़43 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेना पड़ेगा।
सीतारमण ने कहा कि 2023-24 के बजट में सात प्राथमिकताएं रखी गयी हैं। ये हैं समावेशी विकास, अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, सक्षमता को सामने लाना, हरित वृद्घि, युवा शक्ति तथा वित्तीय क्षेत्र।
बजट में पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन पर जोर के साथ षि कर्ज का लक्ष्य बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया है। मझोले और छोटे उद्यमों के लिये कर्ज गारंटी को लेकर 9,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
रेलवे के लिये 2़40 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है। यह अब तक का सबसे अधिक पूंजीगत व्यय है। साथ ही 2013-14 में किये गये व्यय के मुकाबले करीब नौ गुना अधिक है।
बुनियादी ढांचा और उत्पादक क्षमता में निवेश बढ़ाने का मकसद वृद्घि और रोजगार को गति देना है। छोटे और मझोले शहरों (टियर दो और टियर तीन) में ढांचागत सुविधाएं तैयार करने के लिये शहरी बुनियादी ढांचा विकास कोष (यूआईडीआईएफ) बनाया जाएगा।
बजट में ऊर्जा बदलाव यानी स्वच्छ ऊर्जा की ओर तेजी से कदम बढ़ाने और शुद्घ रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिये 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली को बढ़ावा देने का भी प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत 4,000 मेगावट घंटा क्षमता की बैटरी भंडारण प्रणाली को व्यावहारिक बनाने के लिये वित्त उपलब्ध कराया जाएगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि लद्दाख से 13,000 मेगावट बिजली के पारेषण के लिये व्यवस्था तैयार करने को लेकर 20,700 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। सस्ते मकान उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत व्यय 66 प्रतिशत बढ़कर 79,000 करोड़ किया गया है।
बजट में बुनियादी ढांचे के तहत 50 अतिरिक्त हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट और जलीय हवाईअड्डों को आधुनिक रूप दिया जाएगा। शिक्षा के प्रचार-प्रसार के तहत राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय बनाया जाएगा। इसका मकसद सभी क्षेत्रों में सभी आयु वर्ग के लोगों के लिये गुणवत्तापूर्ण पुस्तकें उपलब्ध कराना है।
मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने बजट के बारे में कहा कि उच्च महंगाई और वैश्विक चुनौतियों के बीच वित्त वर्ष 2023-24 के लिये कम राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सरकार की वित्तीय स्थिरता और अर्थव्यवस्था को समर्थन देने की प्रतिबद्घता को बताता है।