अब की कोटद्वार में होली, पुलिस के लिए चुनौती : चुनावी तपिश, लकड़ी पड़ाव का खूनी संघर्ष बन सकता है चिंगारी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : इस बार की होली पुलिस के लिए कई चुनौतियां लेकर आई है। एक तरफ हाल ही में संपन्न हुए चुनाव के बाद विभिन्न पार्टियों के समर्थकों के बीच बढ़ी दूरी आपसी रंजिश के लिये चिंगारी बन सकती है तो दूसरी तरफ पिछले हफ्ते लकड़ी पड़ाव में हुए खूनी संघर्ष की तपिश सौहार्द की प्रतीक होली के त्योहार में खलल डाल सकती है। इसके अलावा होली के पर्व पर कई लोगों का हुड़दंग काटना भी पुलिस के लिए परेशानी खड़ा करता है। क्या कोटद्वार की पुलिस इन सभी चुनौतियों से पार पाने के लिए तैयार है, इसका जवाब शुक्रवार होली के दिन ही मिल पाएगा।
होली पर शांति व्यवस्था बनाना पुलिस के लिए हर बार ही चुनौतीपूर्ण रहता है। लेकिन, इस बार यह चुनौती दो गुना बढ़ गई है। अभी हाल ही में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हुए हैं। ऐसे में विभिन्न दलों के समर्थकों के बीच आपसी रंजिश के चलते विवाद होने की संभावना है। होली पर आमतौर पर इस तरह की रंजिशों के विवाद में बदलने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में पुलिस इस एंगल से भी अपनी तैयारी को परख रही होगी। इसके अलावा कुछ दिन पहले लकड़ी पड़ाव में हुए खूनी संघर्ष ने भी पुलिस के लिए चुनौती बढ़ा दी है। हालांकि, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को होली तक झूलाबस्ती, लकड़ी पड़ाव, आम पड़ाव व आसपास के क्षेत्रों में फोर्स बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। जिस पर पुलिस ने अमल करना भी शुरू कर दिया है। यमकेश्वर, लैंसडौन, दुगड्डा समेत आसपास के थानों व चौकियों को पुलिस फोर्स को कोटद्वार में बुला लिया गया है। इसके साथ ही एक प्लाटून पीएसी भी यहां तैनात की गई है। अब यह होली का दिन ही बताएगा कि किसी भी प्रकार के विवाद से निपटने के लिए पुलिस की इतनी तैयारी काफी है या नहीं। किसी भी एंगल पर लापरवाही पुलिस के साथ आमजन के लिए भारी पड़ सकती है।