यूपी में अब मंत्रियों का अफसरों के सहारे नहीं चलेगा काम, खुद करना होगा कैबिनेट के सामने प्रेजेंटेशन
लखनऊ , एजेंसी। रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म (सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन) का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सूत्र पहले ही अंगीकार कर चुके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे अपने दूसरे कार्यकाल की नई सरकार के लिए फार्मूला बनाते नजर आ रहे हैं। कामकाज में मंत्रियों की न सिर्फ सक्रियता रहे, बल्कि वह विभाग के प्रदर्शन के प्रति जवाबदेही भी बनें, इसके स्पष्ट संकेत दे दिए गए हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कैबिनेट के सामने प्रस्तुतीकरण मंत्रियों को ही करना होगा, अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव सिर्फ सहयोग के लिए उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने बुधवार को लोकभवन में विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जनसमस्याओं का समयबद्घ निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। किसी भी स्तर पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि समस्याओं के निस्तारण की जवाबदेही भी तय की जाए। अफसर और मंत्रियों, दोनों के लिए निर्देश दिए कि कैबिनेट के समक्ष विभागीय प्रस्तुतियां संबंधित मंत्री द्वारा ही की जाएंगी। दरअसल, कई मंत्री अब तक पूरी तरह अधिकारियों पर आश्रित रहे हैं। कैबिनेट में चर्चा के लिए कोई प्रस्ताव जाने पर मंत्री उसे नहीं समझा पाते थे, तब अधिकारी सब समझाते थे।
अब जिस तरह से नए मंत्रिपरिषद का गठन किया गया है, उससे इशारा मिल ही चुका है कि सरकार अब मंत्रियों के काम का आकलन भी करना चाहती है। जब एक-एक प्रस्ताव से वह सीधे जुड़े होंगे, तब उनकी जवाबदेही बनेगी और अप्रत्यक्ष रूप से नौकरशाही पर भी कुछ नियंत्रण रहेगा।
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इसके अलावा सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के सभी विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें। कार्यालयों में स्वच्छता, निस्तारित होने के लिए लंबित फाइल की स्थिति, जन शिकायतों के निस्तारण की स्थिति, कार्मिकों की उपस्थिति, समयबद्घता आदि की वस्तुस्थिति का परीक्षण किया जाए।
बड़े स्तर पर चलेगा श्स्कूल चलो अभियानश् रू नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत में सरकार श्स्कूल चलो अभियानश् भी बड़े स्तर पर चलाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण पिछले दो शैक्षिक सत्र प्रभावित रहे हैं। भौतिक पठन-पाठन नहीं हो सका। अतरू आगामी सत्र की शुरुआत से पहले श्स्कूल चलो अभियानश् को वृहद स्वरूप दिया जाना आवश्यक है। विभागीय मंत्री के परामर्श से अभियान के संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। एक भी बच्चा स्कूल से वंचित न रहे। साथ ही सुनिश्चित किया जाए कि बच्चे निर्धारित यूनिफार्म में ही स्कूल आएं।