अब सरकारी स्कूलों में गेस्ट टीचर्स मामले की होगी आंतरिक जांच, दिल्ली के एलजी ने दिए आदेश

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नई दिल्ली , एजेंसी। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल के बीच जारी तल्खी कम होती नहीं दिख रही है। दिल्ली में कथित शराब नीति घोटाला और बस खरीद घोटाला के बाद अब सरकारी स्कूलों में गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति भी सवालों और जांच के घेरे में आ गई है।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति में अनियमितताओं और श्फर्जीश् शिक्षकों के वेतन भुगतान में धन के गबन के आरोपों की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
उपराज्यपाल सचिवालय ने मुख्य सचिव को, निदेशक (शिक्षा) को सलाह देने के लिए कहा है कि वह अपने स्कूलों में दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त सभी गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति, उपस्थिति और वेतन की निकासी संबंधी जानकारियों को तुरंत सत्यापित करें। इस बाबत एक महीन के भीतर स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
उपराज्यपाल सचिवालय ने मुख्य सचिव को भेजे गए नोट में कहा, उपराज्यपाल ने पाया है कि श्फर्जीश् अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति और धन गबन के मामले श्गंभीर चिंताश् का विषय हैं और यह प्रधानाचार्यध्उप प्रधानाचार्यध्लेखा कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं हो सकता।
उपराज्यपाल ने हाल में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को दिल्ली सरकार के एक स्कूल के चार उप-प्रधानाचार्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने की अनुमति दी थी। इन पर फर्जी गेस्ट टीचर्स के माध्यम से कथित धन घोटाले का आरोप है।
बता दें कि, इससे पहले उपराज्यपाल ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा 1,000 लो-फ्लोर बसों की खरीद में कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए सीबीआई को शिकायत भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
वहीं दिल्ली की आबकारी नीति तब जांच के घेरे में आ गई थी जब दिल्ली के उपराज्यपाल सक्सेना ने इसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। हालांकि, सिसोदिया ने भी इस नीति में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग की थी।

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