लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर विधायक निधि से हो रहे काम की शिकायत पहुंची एनटीसीए, मांगा जवाब

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर विधायक निधि से हो रहे तीस लाख के निर्माण कार्यों पर राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (नेशनल टाईगर कंजरवेशन ऑथरिटी) ने उत्तराखण्ड के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को नोटिस जारी कर अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण के उपआईजी ने उत्तराखण्ड के मुख्य वन्य जन्तु प्रतिपालक को पत्र लिखकर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल ने शिकायत की है कि लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर अवैध निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने उत्तराखण्ड के मुख्य वन्य जन्तु प्रतिपालक से अधिवक्ता की शिकायत की जांच कर अद्यतन वस्तु स्थिति की रिपोर्ट देने को कहा है।

ज्ञातव्य हो कि लालढांग रेंज के अंतर्गत लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग राजाजी नेशनल पार्क के बफर जोन में आता है। जो कि भारत सरकार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (नेशनल टाईगर कंजरवेशन ऑथरिटी) द्वारा तय दिशा निर्देशों के तहत आता है। इस मार्ग के सिगड्डी स्रोत से चिल्लरखाल पर लोक निर्माण विभाग को भूमि हस्तातरंण करने और उस पर लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्य किये जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजाजी नेशनल पार्क के बफर जोन लालढांग रेंज की इस भूमि को वापस वन विभाग को लौटाने के आदेश के साथ ही कहा था कि भारत सरकार के वन मंत्रालय से निर्माण की अनुमति लेगा। उसके बाद कार्य कराने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन अभी तक इस मार्ग के लिए एनटीसीए से कोई अनुमति नहीं ली गई, जिससे लोक निर्माण विभाग द्वारा इस कार्य स्थगित किया गया है। दूसरी ओर लैंसडौन वन प्रभाग के अधीन राजाजी नेशनल पार्क के बफर जोन के लालढांग रेंज के तहत इस मार्ग को विधायक निधि से बनाना शुरू कर दिया है। जिसकी रिपोर्ट अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल ने एनटीसीए को की है। जिस पर एनटीसीए ने उत्तराखण्ड वन विभाग से रिपोर्ट तलब की है।
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