बिग ब्रेकिंग

नूपुर शर्मा की जान को था खतरा, संदिग्ध आतंकी के मोबाइल में मिला नंबरय दिल्ली में घर तक पहुंच गया था

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

पटना, एजेंसी। फुलवारीशरीफ के नया टोला में पापुलर फ्रंट पर इंडिया (पीएफआइ) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) की आड़ में संचालित देश विरोधी गतिविधियों में शामिल अतहर परवेज के पास से बरामद मोबाइल में कई राज छिपे हैं। सूत्रों की मानें तो उसके मोबाइल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा का पता और मोबाइल नंबर भी मिला। वह गुप्त संगठन के जरिए दिल्ली में नूपुर के घर की रेकी भी करा चुका था। अतहर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ के बाद प्राथमिकी में भी इस बात का उल्लेख किया है कि वह पीएफआइ के कहने पर ही सिमी के पूर्व सदस्यों को इस पार्टी से जोड़कर एक गुप्त संगठन तैयार कर रहा था। गुप्त संगठन का मुख्य उद्देश्य था भारत में मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार का बदला लेना और उनको निशाना बनाकर हमला करना था। नूपुर द्वारा दिए गए बयान के बाद उनसे बदला लेने के लिए मुहिम चलाई जा रही थी। इसी क्रम में महाराष्ट्र के अमरावती और राजस्थान के उदयपुर में बदला लिया गया। यह भी संदिग्धों की मुहिम का हिस्सा था। अतहर के साथ 26 से अधिक लोगों के शामिल होने की बात भी सामने आई थी। पुलिस इस बात का जिक्र दर्ज प्राथमिकी में भी किया है।
पुलिस की पूछताछ में अतहर ने बताया कि वह वह एसडीपीआइ का पटना जिला महासचिव के पद पर था। नया टोला में जो पर्चा, बुकलेट, झंडा आदि मिले थे वह सब पीएफआइ के थे। अतहर पीएफआइ के इशारे पर ही देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। गुप्त संगठन को तैयार कर उन्हें यह कहा गया था कि जो भी इंटरनेट मीडिया पर इस्लाम धर्म पर कमेंट या आपत्तिजनक टिप्पणी करता है, उनको निशाना बनाकर हमला करना है। इस मुहिम में अतहर के साथ जलाद्दीन, समीम अख्तर, रियाज मारिफ, सनाउल्लाह, महबूब आलम, तौसिफ आलम, एहसान सहित कई लोगों का भी उसने उजागर किया था। अतहर के पास से मिले मोबाइल से पुलिस मैसेज सहित अन्य डाटा को भी रिकवर कर रही है।
संगठन में चुनिंदा लोगों में अतहर सहित एक अन्य के घर से पुलिस द्वारा बरामद सामग्री और दस्तावेजों से यह भी उजागर हो चुका है कि यह लोग 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की मुहिम पर काम कर रहे थे। पुलिस ने अतहर के घर से एक बुकलेट की पांच प्रति बरामद की थी। यह वही बुकलेट है, जिसमें मिशन 2047 की मुहिम और पूरी कार्ययोजना लिखी हुई थी। पुलिस की मानें तो यह बुकलेट संगठन सभी को नहीं देता है। कुछ चुनिंदा लोगों को ही दी जाती थी। इससे साफ है कि अतहर पीएफआइ का सक्रिय सदस्य था और जो पांच प्रतियां थीं उसे अन्य पांच लोगों को देना था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!