उत्तराखंड

चार राज्यों के अफसरों ने किया वन संरक्षण पर मंथन

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून। वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) की ओर से वन आनुवंशिक संसाधन प्रलेखन, विशेषता और संरक्षण पर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के राज्य वन विभाग के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें अफसरों ने वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण पर मंथन किया। जिसमें 70 प्रतिनिधियों, अधिकारियों और एफआरआई के वैज्ञानिकों ने भाग लिया। एफआरआई के वैज्ञानिकों ने पहचान, डिजिटल प्लेटफर्म के रूप में दस्तावेजीकरण, पर्यावरण वितरण मानचित्रण, आनुवंशिक विविधता और जैव रासायनिक लक्षण वर्णन, रोग सर्वेक्षण, प्रसार तकनीकों के विकास के माध्यम से उत्तराखंड के वन आनुवंशिक संसाधनों के आकलन पर जानकारी साझा की। मुख्य उद्देश्य वानिकी प्रजातियों पर अल्पकालिक और दीर्घकालिक संरक्षण योजनाओं को विकसित करने के लिए एफजीआर के ज्ञान आधार को साझा करना था। महानिदेशक वन चंद्र प्रकाश गोयल, महानिदेशक आईसीएफआरई अरुण सिंह रावत, र्केपा के सीईओ सुभाष चंद्रा, ड़ एचएस जिनवाल, वैज्ञानिक ड़ एनके उप्रेती, ड़ अजय ठाकुर, ड़ मनीषा थपलियाल, ड़ अनूप चंद्र, ड़ अमित पांडे, ड़ वीके वार्ष्णेय, ड़ दिनेश कुमार, ड़ रंजना, ड़ रमाकांत, ड़ पीएस रावत, ड़ एमएस भंडारी और आरके मीणा आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!