शिक्षक से लाखों की ऑनलाइन ठगी, एक गिरफ्तार
बैंक की ऑनलाइन एप में अकाउंड बनाने के नाम पर की गई ठगी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: बैंक की ऑनलाइन एप में अकाउंट बनाने के नाम पर शिक्षक से लाखों की ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह में शमिल एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए युवक से चार बैंकों की पासबुक, छह चैक बुक व तीन एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं। मामले में मास्टरमाइड की अब तक पहचान नहीं हो पाई है।
अपर पुलिस अधीक्षक शेखर सुयाल ने कोतवाली में पत्रकारों से वार्ता करते हुए मामले का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि जून माह में आमपड़ाव निवासी शिक्षक शकीलखान ने कोतवाली में अपने साथ हुई घटना की तहरीर दी थी। जिसमें जिसमें उन्होंने बताया था कि वह गूगल पर भारतीय स्टेट बैंक की योनो एप डाउनलोड व उसपर पंजीकरण करने के संबंध में जानकारी पढ़ रहे थे। इसी दौरान उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन पर बात कर रहे व्यक्ति ने स्वयं को बैंक अधिकारी बताया और योनो एप पर पंजीकरण के लिए मदद की बात कहने लगा। बताया कि व्यक्ति पर भरोसा कर उन्होंने उससे अपने बैंक से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध करवा दी। मोबाइल पर ओटीपी शेयर करने के बाद व्यक्ति ने बताया कि चंद घंटों बाद उनका ऑनलाइन एप शुरू हो जाएगा। बताया कि दो दिन बीत जाने के बाद भी जब एप ने काम नहीं किया तो वह बैंक गए और इस बारे में बैंक कर्मचारियों को अवगत करवाया। जहां उन्हें पता चला कि उनके खाते से दस लाख 25 हजार रुपये की धनराशि निकाल ली गई है। अपर पुलिस अधीक्षक शेखर चंद्र सुयाल ने बताया कि साइबर ठग ने शिक्षक के खाते से उनका नंबर हटाकर अपना नंबर अंकित कर दिया था। जिससे शिक्षक के पास पैसे निकलने का कोई मैसेज ही नहीं गया। बताया कि शिकायत मिलते ही सबसे पहले जिस खाते में पैसे ट्रांसफर हुए उसे फ्रीज कर दिया गया। जानकारी जुटाने पर पता चला कि उक्त खाता गुजरात जनपद भरूच अंकलेश्वर निवासी बाला रियाज का है। पुलिस की एक टीम गुजरात पहुंची ओर ओरपित को पकड़कर कोटद्वार ले आई। बताया कि आरोपित के 15 अलग-अलग बैंकों में खाते हैं। साइबर ठगी करने वाले उसके खाते में पैसे मंगवाते थे और उसका चंद हिस्सा उसे भी उपलब्ध करवाते थे। पुलिस क्षेत्राधिकारी आपरेशन विभव सैनी ने बताया कि खाता फ्रीज होने के बाद ठगों के पास केवल पांच लाख रुपये ही पहुंच पाए जबकि, अन्य धनराशि शिक्षक के खाते में वापस आ जाएगी।