उत्तराखंड में चार साल में महज 81 गांव बने ‘आदर्श
हल्द्वानी । उत्तराखंड में गांवों को ‘आदर्श बनाने में अफसरों की सुस्ती नहीं टूट रही है। छह साल में केवल 81 गांव ही पीएम आदर्श ग्राम योजना का तमगा पा सके हैं। जबकि 2026 तक 387 गांव आदर्श बनाए जाने हैं। समाज कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार की पीएम आदर्श ग्राम योजना उत्तराखंड में 2018-19 में शुरू हुई। योजना में ऐसे गांव जिनकी जनसंख्या पांच सौ से अधिक हो एवं 50 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोग वहां रह रहे हों, को शामिल किया गया। 2018-19 में 121 तो 2021-22 तक योजना में 292 गांवों को सम्मिलित किया गया। वर्तमान में प्रदेशभर के 387 गांव इस सूची में हैं। इन गांवों में मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर समाज कल्याण विभाग को डोर टू डोर सर्वे भी करना है। औपचारिक तौर पर आदर्श ग्राम घोषित होने तक ये सर्वे चलता है। इसी के आधार पर 100 में से उचित नंबर दिए जाते हैं। आदर्श ग्राम बनने को 70 अंक से ऊपर प्राप्त करना जरूरी है। ये अंक पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, समाज सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें और आवास, विद्युत और स्वच्छ ईंधन, षि पद्घतियां आदि की उपलब्धता के आधार पर मिलने हैं। लेकिन योजना को सफल बनाने के अनुरूप काम शायद ही धरातल पर हो रहे हैं। 2022 तक केवल दो गांव ही आदर्श की श्रेणी प्राप्त कर पाए थे। 2023 के शुरुआती चार से पांच महीने में ये संख्या महज 7 ही पहुंच सकी। फिलहाल पीएम आदर्श ग्राम बने गांवों की संख्या 81 तो हो गई है मगर, यह कुल चयनित गांवों का कुल 20 प्रतिशत ही है। यानी 80 प्रतिशत गांवों में अब भी मूलभूत सुविधाओं पर काम होना है।
नैनीताल जिले में ये गांव बनने हैं आदर्श
नैनीताल जिले में 39 गांव आदर्श ग्राम के लिए चयनित किए गए हैं। जिसमें बेतालघाट ब्लक का मझेड़ा, घोड़ियालसू, सिल्टोना, तल्ला गांव, भीमताल ब्लक का कुरियागांव, ल्वेशाल, चकबहेड़ी, धारी ब्लक का सलना, अधरिया, दीनी तल्ली, दीनी मल्ली, बबियाड़, हरिनगर अक्सोड़ा, सलियाकोट मल्ला, सलियाकोट तल्ला, मज्यूली, अक्सोड़ा, कोटाबाग ब्लक का कुनखेत, ओखलकांडा ब्लक का भुमका, हरिनगर थाली, पटरानी, खनस्यूं गांव शामिल है। वहीं, हल्द्वानी का प्रेमपुर लोश्ज्ञानी, खड़कपुर, बसानी, रामगढ़ ब्लक का गहना, हरिनगर नथुवाखान, भियालगांव, लोस्यानी, छियोड़ी, कूल और रामनगर ब्लक का चंद्रनगर, गांधीनगर, मालधनचौड़, देवीपुरा, गौतमनगर, गोपालनगर, आनंदनगर, किशनपुर छोई गांव शामिल हैं।
जिला समाज कल्याण अधिकारियों को समय-समय पर पीएम आदर्श ग्राम योजना का काम तीव्र गति से करने के लिए निर्देशित किया जाता है। योजना पर क्वालिटी के अनुसार समयबद्घ तरीके से काम करने के सख्त निर्देश भी दिए हैं। – आशीष भटगांई, निदेशक समाज कल्याण उत्तराखंड