विपक्ष का प्रहार, फोन हैक कर रही सरकार, नेताओं ने एप्पल फोन पर मिले अलर्ट शेयर कर बोला हमला
नई दिल्ली, एजेंसी। एप्पल कंपनी की तरफ से हैकिंग को लेकर आए अलर्ट ने सियासत में नया भूचाल खड़ा कर दिया है। समूचा विपक्ष जहां सरकार पर जासूसी करने का आरोप लगा रहा है, तो वहीं सरकार का कहना है कि ये पूरी तरह से निराधार बातें हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, आप नेता राघव चड्ढा, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा सहित अन्य नेताओं ने आरोप लगाए हैं कि सरकार जासूसी कर रही है। सरकार डरकर ये सब कर रही है। केंद्र सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि हम मामले की जांच कराएं, सारे आरोप निराधार है। इस बीच एप्पल ने पूरे मामले पर बयान जारी किया है। मोइत्रा ने कुछ स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा कि एपल से मुझे टेक्स्ट और ई-मेल प्राप्त हुआ कि सरकार मेरे फोन और ई-मेल को हैक करने की कोशिश कर रही है। एचएमओ इंडिया को बचने का मौका मिल गया। अडानी और पीएमओ धमकियां देते हैं। आपको ऐसे डरा हुआ देख कर मुझे आप पर दया आती है। प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इसी तरह का एक स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि यह उन्हें एप्पल से मिला है। उन्होंने कहा कि आपको शर्म आनी चाहिए। गृह मंत्री कार्यालय आपके ध्यानार्थ।
तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इसी तरह का पोस्ट किया। उन्होंने एक्स पर तंज कसते हुए कहा कि एपल आईडी से प्राप्त हुआ, जिसका मैंने सत्यापन किया है। प्रामाणिकता की पुष्टि हुई। मेरे जैसे करदाताओं के पैसे पर अल्प-रोजगार अधिकारियों को व्यस्त देखकर खुशी हुई। आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि मैं अपने संसदीय कत्र्तव्यों को निभाने के लिए अपने स्मार्टफोन का उपयोग करता हूं। अपने निर्वाचन क्षेत्र के सदस्यों के साथ जुड़ता हूं, अनुरोधों का समाधान करता हूं और सहायता प्रदान करता हूं। मैं इसका उपयोग केंद्र सरकार के तानाशाहीपूर्ण तरीकों पर सवाल उठाने के लिए भी करता हूं। यह मेरे संवाद करने के लिए भी एक उपकरण है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान भी आया है। वह एक बार फिर से पीएम नरेंद्र मोदी और कारोबारी गौतम अडानी पर हमलावर हुए हैं। उन्होंने कहा कि मैं फोन टैपिंग से नहीं डरता। राहुल गांधी ने कहा कि केसी वेणुगोपाल, पवन खेड़ा, सीताराम येचुरी समेत कई नेताओं को ऐसे मैसेज आए हैं। उन्होंने कहा कि कम ही लोग भाजपा और अडानी से लड़ रहे हैं। आप जितना चाहें, फोन को टैप कर सकते हैं। मैं इसकी परवाह नहीं करता। आप चाहें तो मैं अपना फोन ही दे सकता हूं। हम डरते नहीं हैं और लडऩो को तैयार हैं। इन सब आरोपों के बीच केंद्र सरकार ने पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सफाई देते हुए कहा कि कई विपक्षी नेताओं के मोबाइल फोन पर आईफोन निर्माता एप्पल इंक की ओर से भेजे गए वॉर्निंग मैसेज पर केंद्र सरकार सख्त रुख अपना रही है। ‘अधूरी जानकारी’ देने को लेकर एप्पल पर निशाना साधते हुए सरकार ने इस मामले की जांच भी शुरू कर दी है। वहीं एप्पल ने कहा कि खतरे की सूचनाओं के लिए किसी विशिष्ट सरकार-प्रायोजित हमलावर को जिम्मेदार नहीं ठहराता। कंपनी ने कहा कि सरकार प्रायोजित हमलावर ‘आर्थिक और तकनीकी रूप से बहुत मजबूत होते हैं और उनके हमले समय के साथ विकसित होते हैं।’ हालांकि, एप्पल ने इस बारे में बताने से इनकार कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा समेत अन्य नेताओं को किस वजह से चेतावनियां मिलीं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार के खिलाफ आरोप लगाने के बजाय इन नेताओं को एप्पल के समक्ष मामला उठाना चाहिए और एफआईआर दर्ज करानी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्षी दलों को देश की प्रगति से परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के पास जब भी सरकार की आलोचना के लिए कोई अहम मुद्दा नहीं होता तो ये लोग निगरानी की बात करते हैं। इससे पहले ऐसे ही आरोप लगाए गए थे, लेकिन कुछ नहीं मिला। प्रियंका गांधी ने कहा था कि उनके दो बच्चों के फोन की हैकिंग हुई है, लेकिन इसमें कुछ नहीं मिला। वैष्णव ने कहा कि आलोचक ध्यान भटकाने वाली राजनीति में लिप्त हो रहे हैं, क्योंकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा परामर्श एप्पल ने 150 देशों में जारी किया है।
जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में 25 अक्तूबर से अनशन कर रहे जरांगे ने संवाददाताओं से कहा कि सभी दलों के नेताओं को महाराष्ट्र सरकार से राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने और मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए कहना चाहिए। उधर, सरकार ने बुधवार को मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह सर्वदलीय बैठक मुंबई के सह्याद्रि गेस्ट हाउस में होगी। हालांकि बैठक में ठाकरे समूह के नेताओं को आमंत्रित नहीं किया गया है। श्री अंबादास दानवे नेता प्रतिपक्ष के तौर पर ही बैठक में शामिल होंगे। मराठवाड़ा जिले के कई स्थानों पर जारी मराठा आंदोलन हिंसक हो गया है, इसलिए मराठवाड़ा क्षेत्र के कई इलाकों में कफ्र्यू के आदेश जारी किए गए हैं। इस बीच, बीड, धाराशिव और अब छत्रपति संभाजीनगर जिले में 15 नवंबर तक कफ्र्यू लगा दिया गया है।
अपर जिला मजिस्ट्रेट जनार्दन विदते ने रात में इस संबंध में आदेश जारी किए। प्रशासन ने कहा कि जिले में मराठा-धनगर समुदाय के आंदोलन के कारण उत्पन्न स्थिति को नियंत्रित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इस बीच, जिले के फुलंबरी तालुका के धामनगांव के एक किसान (30) ने इसी मुद्दे पर मंगलवार शाम को अपने खेत पर एक पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में कहा कि वह मराठा आरक्षण के लिए पिछले आठ दिनों से अनशन पर बैठे मराठा कार्यकर्ता मनोज जारांगे-पाटिल की वर्तमान स्थिति नहीं देख सकते। राज्य मंत्रिमंडल ने विशेष रूप से मंगलवार को न्यायमूर्ति शिंदे समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया, जिसका गठन मराठा-कुनबी और कुनबी-मराठा जातियों के पात्र सदस्यों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए किया गया था। मुख्यमंत्री शिंदे ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने के साथ-साथ उच्च न्यायालय में चल रहे मामले को लडऩे के लिए मार्गदर्शन देने के लिए पूर्व न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय समिति की नियुक्ति की भी घोषणा की।