उत्तराखंड

विश्व निमोनिया दिवस पर किया जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

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सर्दी में बच्चों को निमोनिया होने का खतरा ज्यादारू डा़ शर्मा
चमोली। पर्वतीय जिलों में सर्दियों में ज्यादा ठंड होने के कारण यहां के नवजात बच्चों को नवंबर से फरवरी तक निमोनिया रोग होने की आशंका ज्यादा होती है। इन स्वास्थ्य जोखिमों से निपटने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी डा़ राजीव शर्मा के निर्देशन में विश्व निमोनिया दिवस पर जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में बच्चों में निमोनिया रोग को सफलतापूर्वक निष्क्रिय करने हेतु सामाजिक जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डक्टर पवन पाल वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बच्चों में विशेषकर नवजात बच्चों को सर्दियों के दिनों में माता-पिता को घरेलू उपचार में समय न लगवाने तथा निमोनिया के कोई भी लक्षण दिखाई देने और तुरंत बच्चों को अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकीय परामर्श हेतु भेजना आवश्यक है। साथ ही जन-जन तक समुदाय में लोगों को निमोनिया के बारे में जागरूक करने का बल दिए जाना आवश्यक है। निमोनिया के संबंध में ग्राम स्तर पर आशा कार्यकर्ता कम्युनिटी हेल्थ अफिसर एवं एएनएम के द्वारा आम जनमानस को जागरूक किया जा रहा है। कार्यक्रम में ड़ एमएस खाती अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी चमोली ने बताया कि 5 वर्ष तक के बच्चों में निमोनिया मृत्यु का प्रमुख कारण है। निमोनिया के सामान्य लक्षण तेजी से सांस लेना, खांसी और जुकाम का बढ़ना, सांस लेते समय पसलियां चलना या अंदर की ओर धसना निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों को सर्दियों में ऊनी कपड़े पहनाना और जमीन पर नंगे पैर न चलने देना एवं नियमित टीकाकरण के दौरान न्यूमो कोकल कन्ज्यूगेट वैक्सीन (पीसीबी) की तीन खुराक नियत समय पर जन्म के 6 वे सप्ताह, 14 वे सप्ताह एवं 9 माह की उम्र पर अनिवार्य रूप से लगवाना ताकि बच्चों को निमोनिया से बचाया जा सके। कार्यक्रम में ओम प्रकाश भट्ट, उत्तराखंड राज्य रेड क्रस सोसाइटी के उदय सिंह रावत, जिला स्वास्थ्य शिक्षा संचार प्रबंधक, जिला वैक्सीन चौन प्रबंधक महेश देवराड़ी, प्रवीण बहुगुणा, रेखा नेगी,राष्ट्रीय किशोर आदि शामिल रहे ।

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