उत्तराखंड

नर्सरी आवंटन को लेकर बागवानों में आक्रोश

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उत्तरकाशी। महत्वाकांक्षी योजना एप्पल मिशन के तहत राज्य से बाहर की नर्सरियों का चयन किए जाने पर स्थानीय बागवानों ने आक्रोश व्यक्त किया है। बागवानों ने इसे लेकर पुरोला में सोमवार को बैठक की। उन्होंने आरोप लगाया कि दूसरे राज्यों की नर्सरियों को सेब की पौध आवंटन का विरोध किया और आंदोलन की चेतावनी दी है। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि एप्पल मिशन योजना के तहत पुरोला क्षेत्र के 80 से ज्यादा काश्तकारों का चयन सेब बगीचों के लिए किया गया है। इनके कुल 250 सेब के बगीचे लगाए जाने हैं। इसके लिए योजना के तहत 20 प्रतिशत अंशदान काश्तकार की ओर से जमा करा दिया गया है, शेष 80 फीसदी का भुगतान विभाग को नर्सरी को करना है। बागवानों श्यालिक राम नौटियाल, कपिल देव, केशव बिजल्वाण आदि ने कहा कि बागवानों में प्रदेश से बाहर की नर्सरी चिन्हित करने और अनुकूल मौसम होने के बावजूद समय पर सेब की पौध आवंटित नहीं हो पाई हैं। विभाग ने पौध आवंटन के लिए जम्मू कश्मीर एवं हिमाचल प्रदेश की नर्सरी को चयनित किया है। इनसे उपलब्ध करवाई जाने वाली पौध की कोई गारंटी नहीं है, जबकि स्थानीय नर्सरी चयन पर अगर पौध खराब निकलती तो स्थानीय बागवान उसे आसानी से बदल सकते थे। बाहर की नर्सरियों द्वारा फैदर रहित पौध उपलब्ध कराने पर भी बागवानों ने सवाल उठाए हैं। कहा कि इससे फसल देरी से आने और पौध के कम सफल होने की संभावना अधिक होती है। कहा कि पौध खराब होने को लेकर नर्सरी की ओर से कोई बांड नहीं किया जा रहा है। जो सरासर गलत है। बागवानों ने कहा कि यदि समस्या का शीघ्र समाधान नहीं होता है तो काश्तकार आंदोलन करने को बाध्य होंगे। बैठक में केशव प्रसाद, शालिकराम नौटियाल, संतलाल, सबल सिंह पंवार, रणवीर सिंह रावत, कपिल देव, लोकेश प्रसाद, मनमोहन सिंह, रणवीर सिंह, जसवीर डोटीयाल आदि उपस्थित रहे।

 

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