पदोन्नत हुए शिक्षकों ने की विभाग से विद्यालय आवंटित करने की मांग
देहरादून। मई में एलटी से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नत हुए शिक्षकों ने विभाग से विद्यालय आवंटित करने की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि विभाग वर्चअल
क्लास के माध्यम से ऑनलाइन काउंसिलिंग कर शिक्षकों को विद्यालय आवंटित कर सकता है। प्रदेशभर में एलटी से प्रवक्ता बने 1346 शिक्षकों को विद्यालय आवंटन
का इंतजार है। मई में डीपीसी होने के बाद प्रदेशभर में शिक्षकों को पदोन्नति तो मिल गई, लेकिन लॉकडाउन के चलते विद्यालय आवंटित नहीं हुए। शिक्षा विभाग ने
इन शिक्षकों को काउंसिलिंग के बाद विद्यालय आवंटित करना तय किया है। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री सोहन सिंह माजिला ने गुरुवार को शिक्षा
महानिदेशक को इस बाबत मांग पत्र सौंपा। माजिला ने महानिदेशालय से एलटी एवं प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति की मांग भी की है। साथ ही एलटी से
प्रवक्ता पद पर पदोन्नति के लिए डीपीसी सूची आयोग भेजने की मांग भी की है। शिक्षा महानिदेशक आलोक कुमार पांडे ने कहा कि शिक्षकों की मांगों को शासन को
भेज दिया जाएगा।
गोपनीय आख्या की रखरखाव की जिम्मेदारी ले विभाग
शिक्षा विभाग में शिक्षक एवं कर्मचारियों की गोपनीय आख्या के दस्तावेज खो जाना आम बात हो गई है। इन दस्तावेजों के रखरखाव की जिम्मेदारी पर सवाल उठने
शुरू हो गए हैं। शिक्षकों का कहना है कि शिक्षक एवं कर्मचारी हर साल वार्षिक गोपनीय आख्या के दस्तावेज प्रधानाचार्य एवं प्रधानाध्यापकों के दफ्तर में जमा करते
हैं। बावजूद इसके विभाग द्वारा इतने महत्वपूर्ण दस्तावेजों के रखरखाव के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केके डिमरी ने बताया कि एलटी से प्रवक्ता और प्रवक्ता से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के समय 10 साल की वार्षिक गोपनीय
आख्या का परीक्षण किया जाता है। लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते पदोन्नति के समय अक्सर शिक्षकों के दस्तावेज नहीं मिलते। ऊपर से दस्तावेज ना होने
का ठीकरा भी शिक्षकों के सिर ही फोड़ा जाता है।
उन्होंने शिक्षा निदेशक को पत्र लिखते हुए हर संवर्ग की गोपनीय आख्या की जिम्मेदारी एक नोडल अधिकारी को देने की मांग की है। इसके साथ ही गोपनीय
आख्या पूरी तरह से ऑनलाइन करवाने की मांग भी की।