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आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को आई भारत की याद; शहबाज बोले- वार्ता को तैयार, युद्ध विकल्प नहीं

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इस्लामाबाद, एजेंसी। शरीफ ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान खनिज शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। शहबाज शरीफ ने भारत के साफ संदर्भ में कहा कि हम हर किसी के साथ बात करने के लिए तैयार हैं, यहां तक कि अपने पड़ोसी के साथ भी, बशर्ते कि पड़ोसी मेज पर गंभीर मुद्दों पर बात करने के लिए गंभीर हो। उन्होंने आगे कहा कि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है। ‘डस्ट टू डेवलपमेंट’ के नारे के तहत आयोजित इस बैठक का उद्देश्य नकदी संकट से जूझ रहे देश में विदेशी निवेश लाना था।
इस दौरान शरीफ ने भारत के साथ हुए तीनों युद्धों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बीते 75 सालों में हमने तीन युद्ध लड़े हैं। इन युद्धों के परिणामस्वरूप गरीबी, बेरोजगारी और लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए संसाधनों की कमी में वृद्धि हुई है। ऐसे में युद्ध अब विकल्प नहीं है।
इस दौरान शहबाज नें परमाणु अस्त्रों का भी जिक्र किया। शहबाज नें कहा कि पाकिस्तान परमाणु संपन्न देश है। हमारी परमाणु क्षमता रक्षात्मक उद्देश्यों के लिए है न कि आक्रामकता के लिए। लेकिन भविष्य में कभी परमाणु युद्ध हुआ तो यह बताने के लिए कि क्या हुआ था कोई जीवित भी रहेगा या नहीं पता नहीं। इसलिए युद्ध कोई विकल्प नहीं है। शरीफ ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान परमाणु संघर्ष के काले पक्ष से अच्छी तरह वाकिफ है लेकिन भारत को भी इसका एहसास होना चाहिए।
इस दौरान शहबाज ने कहा कि यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि हमारे पड़ोसी को यह समझना होगा कि जब तक असामान्यताओं को दूर नहीं किया जाता है और जब तक हमारे गंभीर मुद्दों को समझा नहीं जाता है और शांतिपूर्ण और सार्थक चर्चा नहीं हो सकती। तब तक हम सामान्य पड़ोसी नहीं बन सकते हैं।
बता दें कि सीमा पार आतंकवाद और कश्मीर मुद्दे सहित कई मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव जारी है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध अगस्त 2019 में तब और तनावपूर्ण हो गए थे जब भारत ने जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को बदल दिया।
पाकिस्तान के साथ संबंधों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहले ही भारत का रुख साफ कर चुके हैं। उन्होंने कई बार दो टूक जवाब हेते हुए कहा है कि जब तक सीमा पार आतंकवाद की नीति खत्म नहीं की जाती तब तक भारत के लिए पड़ोसी देश के साथ सामान्य संबंध रखना संभव नहीं है।
इससे पहले जनवरी में पश्चिमी एशिया के प्रमुख मीडिया संस्थानों में से एक अल-अरेबिया को दिए इंटरव्यू में जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से भारत के साथ रिश्तों को लेकर सवाल किया गया था, तो उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से तीन युद्धों में पाकिस्तान ने सबक सीखे हैं और वे अब शांति चाहते हैं। उन्होंने चैनल के माध्यम से ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन कश्मीर में जो कुछ भी हो रहा है, वह रुकना चाहिए।

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