पंचायतें भारतीय लोकतंत्र की आत्मा

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बागेश्वर । पंचायती राज दिवस के अवसर पर ज़िला पंचायत में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायतों को भारतीय लोकतंत्र की ‘आत्मा’ बताते हुए उन्हें और अधिक सशक्त, सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए स्वामित्व योजना, डिजिटल इंडिया, ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) और विभिन्न तकनीकी नवाचारों के महत्व को रेखांकित किया। दर्जा राज्यमंत्री शिव सिंह बिष्ट ने पूर्व की व्यवस्थाओं और वर्तमान पारदर्शिता की तुलना करते हुए कहा कि पहले सरकारी धन का बहुत छोटा हिस्सा ही धरातल तक पहुंच पाता था, लेकिन अब तकनीक और पारदर्शी प्रक्रियाओं के चलते एक-एक रुपया विकास कार्यों में खर्च हो रहा है। उन्होंने ज़ोर दिया कि सरकार पंचायती व्यवस्थाओं को निरंतर मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रशासक जिला पंचायत बसंती देव ने कहा कि सरकार का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत कर उन्हें जमीनी स्तर पर निर्णायक भूमिका में लाना है। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने का माध्यम है। पंचायती राज दिवस दरअसल उस ऐतिहासिक क्षण की याद दिलाता है जब 73वें संविधान संशोधन के तहत गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए। उन्होंने ग्राम पंचायत विकास योजना, जियो टैगिंग, परिसंपत्ति पंजिका और खतौनी निरीक्षण जैसी पहलों को ग्राम स्तर पर पारदर्शिता और गुणवत्ता सुधार का आधार बताया।

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