प्राधिकरण समाप्त करने का शासनादेश जारी करने की मांग की
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। पूर्व सैनिक अद्र्धसैनिक एवं सामाजिक विकास संस्था ने प्रदेश सरकार से नगर निगम कोटद्वार क्षेत्र में जिला विकास प्राधिकरण समाप्त करने का शासनादेश (जीओ) जारी करने की मांग की है। संस्था की ओर से इस संबंध में उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को ज्ञापन भेजा गया है। संस्था के सदस्यों का कहना है कि जनहित में विकास प्राधिकरण को जल्द से जल्द समाप्त किया जाना चाहिए
संस्था के अध्यक्ष आनन्द बल्लभ घिल्डियाल ने कहा कि 16 दिसम्बर 2020 को संस्था का एक शिष्टमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री से कोटद्वार की समस्याओं को लेकर मिला था। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शिष्टमंडल को जिला विकास प्राधिकरण को कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में समाप्त करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक प्राधिकरण को निरस्त नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जब वह नगर आयुक्त से मिले तो, नगर आयुक्त का कहना है कि जब तक शासनादेश नहीं मिल जाता है तब तक निगम क्षेत्र में प्राधिकरण निरस्त कैसे कर सकते है। उन्होंने कहा कि इस जनविरोधी निर्णय को वापस लेने की मांग सरकार से कर रहें हैं पर सरकार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण लागू होने से सबसे ज्यादा फजीहत मध्यम वर्गीय व र्आिथक रूप से कमजोर लोगों को हो रही है। इस आदेश की आड़ में अफसरशाही हावी हो रही है। कोई भी भवन स्वामी घर की मरम्मत अथवा पुनर्निर्माण कराता है तो प्राधिकरण बाधा खड़ी करता है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण की आड़ में जनता का मानसिक और आर्थिक शोषण हो रहा है। ज्ञापन देने वालों में प्रमोद रावत, राकेश मोहन थपलियाल, मोहन सिंह बिष्ट, गोपाल दत्त जखमोला, श्रीकांत नौगांई, मनवर सिंह चौहान, दिवाकर लखेड़ा, मनवर सिंह रावत, कमल सिंह थापा, सुभाष बिष्ट, वीरेन्द्र बिष्ट, बृजमोहन सिंह, गजेन्द्र सिंह, संजीव द्विवेदी, राजेन्द्र डोबरियाल, मंदीप पटवाल, प्रदीप बलूनी, अनुसूया प्रसाद, मेहरबान सिंह, प्रकाश सिंह, सुरेश चौहान, सुभाष चन्द्र बिष्ट, रामचन्द्र भारद्वाज, देवेन्द्र बिष्ट, दिलवर सिंह रावत, हरीश चन्द्र भट्ट, चंडी प्रसाद डबराल, मदन मोहन घिल्डियाल आदि शामिल थे।