बागेश्वर। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने पर्यटन और हथकरधा की बेहतरी के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए कार्य योजना तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिले में पर्यटन और स्थानीय उत्पादों को आगे बढ़ाया जाएगा। बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय निर्यात प्रोत्साहन समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि पर्यटन, हस्तशिल्प, हथकरघा, ताम्र शिल्प, रिगाल, दन-कालीन, थुलमा, चुटका, शाल, पंखी, आर्गेनिक ऊन एवं वन आधारित उत्पादों के निर्यात की सबसे अधिक संभावना है। संबंधित अधिकारी इस पर बेहतर कार्ययोजना तैयार करेंगे। ताकि जनपद को एक्सपोर्ट हब के रूप में स्थापित किया जा सके। कहा कि जिले के रमणीक स्थल पिडारी, कफनी ग्लेशियरों के अलावा सुंदरढूंगा घाटी को देखने के लिए भी हजारों पर्यटक आते हैं। पर्यटन स्थलों को और अधिक विकसित किया जाए। जनपद में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बेहतर ढंग से कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने ताम्र शिल्प, हथकरघा, हस्तशिल्प, रिगाल, ऊन तथा मुख्य फसलें जिसमें लाल चावल, मिर्ची, चौलाई, हल्दी, मडुवा, भांगबीज, मसूर आदि के निर्यात को बढ़ाने के लिए विभागों की कार्ययोजना शीघ्र महाप्रबंधक उद्योग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डीडी पंत, उपजिलाधिकारी कपकोट प्रमोद कुमार, गरुड़ जयवर्धन शर्मा, कांडा योगेंद्र सिंह, महाप्रबंधक उद्योग जीपी दुर्गापाल, मुख्य शिक्षाधिकारी पदमेंद्र सकलानी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. उदय शंकर, दलीप सिंह खेतवाल, थ्रीश कपूर, नन्दाबल्लभ अवस्थी आदि मौजूद थे।