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पर्यावरण प्रभाव आंकलन अधिसूचना 2020 को लेकर चर्चा की

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बागेश्वर। राजीव गांधी पंचायत राज संगठन की गोष्ठी में पर्यावरण प्रभाव आंकलन अधिसूचना 2020 को लेकर चर्चा की गई। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मोहित उनियाल ने कहा कि नई अधिसूचना पर्यावरण विरोधी है। यह समाज को समय से पीछे ले जाने वाली है। उन्होंने कहा कि संगठन इस अधिसूचना का पुरजोर विरोध करेगा। उन्होंने इसके खिलाफ व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाने की भी बात कही। ब्लॉक कांग्रस कार्यालय में हुई गोष्ठी में प्रदेश संयोजक उनियाल ने कहा कि इस तरह के कानून में अधिक संख्या में लोगों के प्रभावित होने की संभावना रहती है। जिसके चलते सरकार को ऐसे कानून बनाने से पहले जनता की राय लेनी चाहिए और उन्हें कानून में भागीदार बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई अधिसूचना लोगों का अधिकार छीन रही है। इसमें पर्यावरण को बचाने में जनता की भूमिका का दायरा कम हो रहा है, जबकि विवेकाधीन शक्तियों को बढ़ाने के प्रस्ताव पर जोर है। जिला संयोजक रंजीत दास ने कहा कि ईआई अधिसूचना में सबसे चिंताजनक और पर्यावरण विरोधी प्रावधान को शामिल किया गया है। जिसके तहत अब उन कंपनियों व उद्योगों को भी क्लीयरेंस मिल जाएगी जो पहले से पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करते आ रहे हैं। जिसे पोस्ट फैक्टो प्रोजक्ट क्लीयरेंस कहा जाएगा। कहा कि अधिसूचना लागू होने के बाद अगर किसी कंपनी ने पर्यावरण की मंजूरी नहीं ली है तो वह दो हजार से 10 हजार रुपये प्रतिदिन का जुर्माना जमा कर मंजूरी ले सकता है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट इस तरह के प्रावधान को पहले ही खारिज कर चुका है। कुमाऊं मंडल संयोजक कृष्ण सिंह बिष्ट ने कहा कि पोस्ट फैक्टो पर्यावरण मंजूरी कानून के खिलाफ है। पीठ ने इसे एहतियाती सिद्धांत व सतत विकास के खिलाफ बताया है। कहा कि सरकार व्यापार सुगमता के नाम पर पर्यावरण को गंभीर खतरा पहुंचाने की राह खोल रही है। जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। इस मौके पर पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण, मनोज बिष्ट, भुवन पाठक, भरत फर्स्वाण, गोपाल दत्त भट्ट आदि मौजूद रहे।

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