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पतंजलि का अगला लक्ष्य विदेशी कंपनियों को जड़ से उखाड़कर देश से बाहर फेंकना: रामदेव

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– खाद्य तेल उत्पादन में देश आत्मनिर्भर बने, मलेशिया तथा इंडोनेशिया पर निर्भरता खत्म हो, ऐसा हमारा ध्येय
हरिद्वार। बाबा रामदेव ने कहा कि तीन से चार क्षेत्रों में पतंजलि बड़ा काम करने वाला है। खाद्य तेल उत्पादन में देश आत्मनिर्भर बने, मलेशिया तथा इंडोनेशिया पर निर्भरता खत्म हो, ऐसा हमारा ध्येय है। ऑयल पॉम प्लांटेशन विभिन्न प्रकार के तेल तथा सरसों के तेल का भारत में पूरा उत्पादन हो, इस दिशा में पतंजलि बड़ा कदम उठाने वाली है। इससे देश को 2.5 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत होगी। यह बात बाबा रामदेव ने मंगलवार को पतंजलि योगपीठ के स्थापना दिवस समारोह में कहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पतंजलि योगपीठ तथा रुचि सोया का मार्केट कैप 1.5 से 2 लाख करोड़ आंका जाता है। पतंजलि का अगला लक्ष्य विदेशी कंपनियों को जड़ से उखाड़कर देश से बाहर फेंकना है। बाबा रामदेव ने कहा कि 26 वर्ष पूर्व पंचपुरी हरिद्वार में शून्य से पतंजलि योगपीठ की यात्रा प्रारंभ हुई थी। इन 26 वर्षों में योग, आयुर्वेद और स्वदेशी एक जनांदोलन बना है। आत्मनिर्भर भारत की सबसे बड़ी प्रेरणा पतंजलि योगपीठ बना है। वोकल फोर लोकल का सबसे बड़ा कोई रोल मॉडल है, तो वह पतंजलि योगपीठ ही है। उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद व स्वदेशी की क्रांति के बाद भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से अब शिक्षा क्रांति का नया शंखनाद पतंजलि की ओर से होगा।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर औषधि की मान्यता दिलानी है। हम शीर्ष विश्वस्तरीय रिसर्च पेपर्स में लगभग 1100 शोध-पत्र प्रकाशित कर नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे। शास्त्रों के लेखन में भी पतंजलि बड़ा कार्य कर रहा है। लगभग 5 लाख श्लोक के संग्रह एवं प्रकाशन का कार्य शीघ्र ही संपन्न किया जाएगा।
इस दौरान साध्वी देवप्रिया, ऋतम्भरा, पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति डा. महावीर, रजिस्ट्रार प्रवीन पुनिया, परमार्थदेव, अजय आर्य, मनोहर लाल आर्य, एनपी सिंह, डा. अनुराग वार्ष्णेय, विमल चन्द्र पाण्डे, डा. जयदीप आर्य, राकेश मित्तल, साधना, मौलाना काजमी आदि शामिल रहे।

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