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पति की इंश्योरेंस पालिसी का भुगतान दिलाने का झांसा देकर वृद्धा से 36 लाख रुपये ठगे

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देहरादून। पति की मौत के एक वर्ष बाद 70 वर्षीय वृद्धा को ठगों ने उसके पति की इंश्योरेंस पालिसी का 64.90 लाख रुपये का भुगतान दिलाने का झांसा देकर 36 लाख रुपये ठग लिए। ठग झांसा देकर वृद्धा से करीब 11 महीने तक अपने दिए बैंक खातों में रकम डलवाते रहे। मामले का खुलासा करते हुए साइबर सेल और डालनवाला थाना पुलिस ने तीन आरोपी गिरफ्तार किए हैं। इनमें शामिल ठगी का मास्टरमाइंड पूर्व में इंश्योरेंस कंपनी के कॉलसेंटर में नौकरी कर चुका है। उमा कुमार निवासी ईसी रोड ने बीते 12 अगस्त को डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि अगस्त 2019 में उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को कृष्णानंद मंडल बताया। उसने खुद को इंश्योरेंस कंपनी के फंड क्लीयरेंस डिपार्टमेंट, दिल्ली का कर्मचारी बताते हुए वृद्धा को झांसा दिया कि उनके पति की 64.90 लाख रुपये की बीमा पालिसी है। कहा कि पालिसी की कुछ किश्तें जमा नहीं हुई है। इनका भुगतान किया जाए तो उन्हें इंश्योरेंस की पूरी रकम मिल जाएगी। वृद्धा आरोपियों के झांसे में आई और 64.90 लाख रुपये पाने के लालच में उनके बैंक खाते 11 महीने तक रकम जमा कराती रही। उन्होंने आरोपियों के दिए बैंक खाते में 36 लाख रुपये जमा करा दिए। इसके बाद रकम मिलने की आसा टूटी तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस को बताया कि रकम देने के लिए वह अपने गहने गिरवी रख चुकी हैं। कई पड़ोसियों से लाखों रुपये उधर लिए हैं। इसकी जानकारी परिवार के अन्य लोगों को नहीं दी है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज जांच शुरू की। जिला साइबर सेल प्रभारी अशोक राठौर ने बताया कि जांच के आधार पर पुलिस को एक बैंक खाते की जानकारी मिली। जिसमें पीड़ित ने रकम जमा कराई थी। उसमें दर्ज पते और मोबाइल नंबर के जरिए पुलिस आरोपियों तक पहुंची। उन्होंने बताया कि ठगी में शामिल अंकुर पाठक उर्फ बबलू (25) पुत्र महेश पाठक व प्रशांत शर्मा (22) पुत्र अवनीश कुमार निवासी कुमरपुर, थाना पहासु जिला बुलन्दशहर (यूपी) और हरवीर सिंह (50) निवासी पीतमपुर थाना पहासु, जिला बुलंदशहर को शनिवार शाम अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया है। रविवार को पुलिस आरोपियों को लेकर दून पहुंची। पुलिस के मुताबिक पीड़ित महिला का बेटा विदेश में नौकरी करता है।
आरोपियों से पुलिस ने 2.80 लाख रुपये नगदी और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। वहीं आरोपियों में एक के खाते में जमा 1.90 लाख रुपये फ्रीज कराए गए हैं। पुलिस के मुताबिक ठगी गैंग का सरगना अंकुर पाठक है। उसने करीब दो वर्ष पहले तक एनसीआर में एक इंश्योरेंस कंपनी कॉल सेंटर में नौकरी की। वहां से कई लोगों का डाटा चुराने के बाद उसने खुद कॉल सेंटर चलाकर ठगी योजना बनाई। आरोपी ने इसके लिए गांव के प्रशांत शर्मा को साथ लिया। दोनों ने हरवीर से तय किया कि वह ठगी की रकम उसके बैंक खाते में मंगवाएंगे। इसमें हरवीर को बीस फीसदी कमीशन मिलेगा।
90 लोगों से ठगी की मिली जानकारी
आरोपियों से पूछताछ कर पुलिस उनकी ठगी का शिकार हुए अन्य लोगों की जानकारी जुटा रही है। इस दौरान पुलिस को करीब 90 लोगों से ठगी की जानकारी मिल चुकी है। जबकि, अभी पूरी जानकारी जुटाई जानी बाकी है। पुलिस के मुताबिक आरोपी अंकुर का संपर्क पंश्चिम बंगाल और झारखंड के साइबर ठगों से भी है। वह यहां से लोगों का पालिसी आदि का डाटा खरीदकर उन्हें भेजता है।

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