पत्नी और बेटे की हत्यारोपी को आजीवन कारावास
काशीपुर। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ओम कुमार की अदालत ने पत्नी और बेटे की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर दो साल का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। अभियोजन के अनुसार ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद निवासी मोहन सिंह ने जसपुर थाने में तीन अक्तूबर 2017 में केस दर्ज कराया था। उन्होंने कहा उसकी बहन सुनीता देवी की शादी करीब 19 साल पहले जसपुर के ग्राम पतरामपुर निवासी भजन सिंह के साथ हुई थी। सुनीता के दो बेटे और दो बेटियां हैं। कहा बहनोई भजन सिंह नशे का आदी है। नशे की पूर्ति के लिये वह घर का सामान व अन्य संपत्ति बेचता रहता है। जिसका उसकी बहन और भांजा जॉनी विरोध करते थे। इसके चलते भजन सिंह ने तीन अक्तूबर 2017 की रात चाकू से उसकी बहन और भांजे जॉनी की हत्या कर दी। बीच बचाव को आई उसकी भांजी को जान से मारने की नीयत से हमला किया। उसने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। सूचना पर जब वह जसपुर सरकारी अस्पताल पहुंचा तो वहां बहन और भांजे के शव पड़े थे। पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ धारा 302 और 307 के केस दर्ज कर विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने माना मामूली चोट होने के कारण आरोपी के खिलाफ 307 के बजाय 323 का अपराध साबित होता है। अधिवक्ताओं की बहस, गवाहों के बयान और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का अनुशीलन के बाद न्यायालय ने आरोपी को धारा 302 और 323 में दोष सिद्ध करार दिया। न्यायालय ने धारा 302 में दोषी को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। वहीं, धारा 323 में भी एक साल की सजा सुनाई।