पत्नी का शव 72 टुकड़ों में काटने वाले राजेश गुलाटी की जमानत याचिका पर हुई सुनवाई
नैनीताल। हाईकोर्ट ने देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड के मामले में दोषी करार राजेश गुलाटी की तरफ से दायर अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र सुनवाई सोमवार को सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने सरकार से दो सप्ताह के भीतर अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र पर आपत्ति पेश करने को कहा है।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई। मामले के अनुसार राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की निर्मम हत्या 17 अकटूबर 2010 को की थी और शव को टुपाने के लिए उसने शव के 72 टुकड़े कर फ्रिज में डाल दिया था ।
12 दिसम्बर 2010 को अनुपमा का भाई दिल्ली से देहरादून आया तो हत्या का खुलासा हुआ। देहरादून कोर्ट ने राजेश गुलाटी को पहली सितम्बर 2017 को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई और 15 लाख रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया । जिसमें से 70 हजार राजकीय कोष में जमा करने व शेष राशि उसके बच्चो के बालिग होने तक बैंक में जमा कराने के आदेश दिए थे।
कोर्ट ने इस घटना को जघन्य अपराध की श्रेणी में माना। राजेश गुलाटी पेशे से एक सफ्टवेयर इंजीनियर है और 1999 में लव मैरिज की थी।राजेश गुलाटी ने इस आदेश को हाइकोर्ट में 2017 में चुनोती दी । आज उसकी तरफ से इलाज हेतु अंतरिम जमानत प्रार्थनापत्र पेश किया गया ।