पौड़ी गढ़वाल में बाल श्रमिकों का होगा सर्वें, शिक्षा विभाग को सौंपी जिम्मेदारी
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। अपर जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि 15 जनवरी 2021 तक ग्रामीण क्षेत्रों में भी बाल श्रम सर्वेक्षण का कार्य सम्पन्न कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने जिला टास्क फोर्स समिति की टीम को जनपद में कहीं भी बाल श्रम पाये जाने पर बच्चे को ट्रेक कर उसके पुर्नस्थापित का कार्य करने को कहा। शिक्षा विभाग द्वारा माह फरवरी-मार्च में किये गये सर्वे रिपोर्ट के अनुसार जनपद के अन्तर्गत कोटद्वार में 17 व श्रीनगर में 4 बाल श्रमिक के पाये जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिनमें से कोटद्वार के 17 बच्चों को शिक्षा विभाग द्वारा पंजीकृत कर लिया गया, किन्तु कोविड-19 के दृष्टिगत काफी समय बीत जाने के कारण अपर जिलाधिकारी ने पुन: सर्वे कर क्रॉस चैक करने के निर्देश दिये।
राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना समिति के अन्तर्गत बाल श्रम सर्वेक्षण एवं जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक अपर जिलाधिकारी डॉ. एसके बरनवाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश भर में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना समिति के तहत चलाये जा रहे बाल श्रम सर्वेक्षण के कार्य, जिला टास्क फोर्स समिति एवं प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएम-एसवाईएम) पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएम-एसवाईएम) के तहत असंगठित कामगारों के लिए पेंशन योजना 15 फरवरी 2019 से शुरू की गई है, जिसके तहत रिक्शा चालक, फेरीवाला, लेबर, घरेलू कामगार, दर्जी, पान वाले, छोटी दुकानों वाले या इसी तरह के अन्य कामगार, जो 18 से 40 आयु के हैं तथा जिनकी मासिक आय 15 हजार से कम हो, वे अपना आधार कार्ड और बचत/जन-धन खाते के दस्तावेज के साथ नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पहुंचकर पेंशन योजना से जुड़कर लाभ ले सकता है। बैठक में सहायक श्रम आयुक्त अरविन्द सैनी, दिनेश, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनीता अरोड़ा, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका पौड़ी प्रदीप बिष्ट, अध्यक्ष सीडब्लूसी इन्दु वशिष्ठ, सदस्य गंगोत्री नेगी, निरीक्षक एसएसपी कार्यालय लक्ष्मण सिंह कठैत सहित मीना नेगी, हरेन्द्र सिंह, अवधेश कुमार, आरएस नेगी, बीपी जुयाल आदि उपस्थित थे।
14 साल से कम का बच्चा नहीं कर सकता काम
पौड़ी। सहायक श्रम आयुक्त पौड़ी अरविन्द सैनी ने बताया कि बाल श्रम सर्वेक्षण कार्य हेतु प्रत्येक जनपद को चार-चार लाख दिये गये थे, ताकि बाल श्रम को समाप्त किया जा सके। 14 साल से नीचे का बच्चा किसी भी तरह की गतिविधियों में कार्य नहीं कर सकता, जबकि 14 से 18 वर्ष का किशोर खतरनाक गतिविधियों में कार्य नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत पात्र कामगारों तथा मनरेगा में नियोजित निर्माण श्रमिकों हेतु कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। जिसके तहत 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके कामगारों को 1500 रूपये प्रति माह की पेंशन दी जायेगी। पेंशनभोगी की मृत्यु की दशा में पारिवारिक पेंशन उत्तरजीवी पति या पत्नी को 500 रूपये प्रति माह देय होगी।
श्रमिक इन योजनाओं का उठाये लाभ
पौड़ी। सहायक श्रम आयुक्त पौड़ी अरविन्द सैनी ने बताया कि कामगारों को मकान की खरीद/निर्माण हेतु 1 लाख तक ऋण/अनुदान राशि की सुविधा, लकवा, कुष्ठरोग अथवा दुर्घटना आदि के कारण स्थायी रूप से नि:शक्तता पर 1500 रूपये प्रतिमाह की दर से नि:शक्तता पेंशन तथा 50 हजार रूपये तक की अनुग्रह राशि दी जायेगी। जबकि कार्य के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने पर 5 लाख रूपये तथा सामान्य मृत्यु होेने की दशा में मृतक कर्मकार के नामितों/आश्रितों को 3 लाख रूपये की आर्थिक सहायकता देय होगी। इसके साथ ही पंजीकृत पात्र निर्माण श्रमिक के आश्रित बच्चों की शिक्षा, दो आश्रित पुत्रियों के विवाहोपरान्त तथा महिला कर्मकारों को स्वयं के विवाहोपरान्त आर्थिक सहायता दिये जाने का प्रावधान भी है। महिला कामगारों/श्रमिकों की पत्नियों को प्रसूति सुविधा के रूप पुत्र के जन्म पर 15 हजार तथा पुत्री के जन्म पर 25 हजार रूपये की सुविधा देय होगी।