पेंशन धारकों ने गोल्डन कार्ड के नाम पर एक समान कटौती का किया विरोध
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। पुलिस पेंशनर्स कल्याण समिति ने आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड के माध्यम से चिकित्सा लाभ के नाम पर पेंशन में की जा रही एक समान कटौती का विरोध किया है। समिति ने सरकार से सेवानिवृत्त कर्मचारियों एवं पारिवारिक पेंशनधारक के वेतन से हो रही कटौती को समाप्त करने या घटाकर 40 एवं 20 प्रतिशत करने, पेंशनधारक के लिए सम्पूर्ण ओपीडी कैसलेस करने, सूचीबद्ध अस्पतालों में पेंशनधारकों के लिए पंजीकरण के लिए अलग काउंटर बनाने तथा आयुर्वेदिक अस्पतालों को भी पैनल में शामिल करने की मांग की गई। इस संबंध में समिति के पदाधिकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री ज्ञापन भेजा है।
समिति अध्यक्ष गोविंद डंडरियाल ने कहा कि सरकार द्वारा अटल आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत पेंशन भोगियों का अंशदान सेवारत कर्मियों के समान काटा जा रहा है जो न्याय संगत नहीं है। पेंशनरों को सेवारत कर्मचारी के वेतन अपेक्षा 50 प्रतिशत कम पेंशन तथा पारिवारिक पेंशनभोगी को मात्र 30 प्रतिशत पेंशन ही मिलती है। ऐसे में सेवारत कर्मियों के समान अंशदान लिया जाना पेंशनरों के प्रति अन्याय है। उन्होंने कहा कि कई पेंशनधारक राज्य के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहते है, जिनको योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं है वो इसका कोई लाभ नहीं ले रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी उनके वेतन से कटौती शुरू हो चुकी है। पेंशनरों को वृद्धा अवस्था में खांसी, जुकाम, शुगर, माइग्रेन, बीपी, दृष्टि बाधित जैसे रोग ज्यादा होते रहते हैं लेकिन इसके लिए ओपीडी कैशलेस नहीं है। इसके अलावा पैनल में आयुर्वेदिक चिकित्सालय नहीं है। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में समिति अध्यक्ष गोविंद डंडरियाल, लाल सिंह बिष्ट, रामकुमार अग्रवाल, अमरचंद्र आर्य, नंदन सिंह चौहान, कैलाश चंद्र वर्मा, अर्जन सिंह रावत, भारत सिंह चौहान, केशवानन्द पाण्डे, जय सिंह रावत आदि शामिल रहे।