पांडव लीला देखने पहुंच रहे लोग, 14 दिसम्बर को होगा समापन
रूद्रप्रयाग : मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत दरमोला में चल रहे पांडव नृत्य में 29 नवम्बर से पांडव पश्वा अस्त्र शस्त्रों के साथ नृत्य करेंगे। पांडवों के दर्शन के लिए गांव की धियाणियों का भी अपने मायके पहुंचने लगी हैं। आगामी 14 दिसम्बर को प्रसाद वितरण के साथ पांडव नृत्य का विधिवत समापन किया जाएगा।
बीते 23 नवम्बर एकादशी पर्व पर अलकनंदा-मंदाकिनी संगम स्थल गंगा स्नान के साथ दरमोला गांव में पांडव नृत्य का आयोजन शुरू हुआ था। पुजारी कीर्ति प्रसाद डिमरी ने पांडव के अस्त्र-शस्त्रों के साथ देव निशानों की विशेष पूजा-अर्चना कर आरती की। जिसके बाद ढोल सागर की ताल पर देवता अवतरित होकर भक्तों का आशीर्वाद दिया। अभी पांडव बिना अस्त्र-शस्त्रों के साथ नृत्य कर रहे है। 29 नवम्बर को बाण बाहर आने के बाद पांडव पश्वा विधिवत अस्त्र शस्त्रों के साथ नृत्य शुरू करेंगे। पांडव नृत्य देखने के लिए दूर-दराज क्षेत्रों से ग्रामीण पहुंच रहे हैं। पांडव चौक में पहुंच रहे भक्तजन बद्रीनाथ एवं शंकरनाथ देव निशानों को भेंट अर्पित कर अपने परिवार की खुशहाली की कामना कर रहे है। पांडव नृत्य देखने के लिए गांव बेटियों का अपने मायके पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। ताकि वह भी पांडवों का आशीष ले सके। पांडव नृत्य समिति तरवाड़ी के अध्यक्ष बलवीर पंवार एवं कोषाध्यक्ष राजेन्द्र कप्रवान ने बताया कि 29 नवम्बर को बाणों का कौथिग, 12 दिसम्बर को नौगरी का कौथिग, 13 दिसम्बर को गेंडे का कौथिग व सिरोता एवं 14 दिसम्बर को नारायण के फल वितरण के साथ पांडव नृत्य का विधिवत समापन किया जाएगा। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को पांडव नृत्य में पहुंचने की अपील की है। इस अवसर पर पुजारी कीर्ति प्रसाद डिमरी, जसपाल सिंह पंवार, मंगल सिंह, त्रिलोक सिंह, राजेन्द्र सिंह, रविन्द्र पंवार, दान सिंह, विक्रम सिंह, लक्ष्मण सिंह समेत बड़ी संख्या में भक्तजन मौजूद थे। (एजेंसी)