बागेश्वर के लोगों को मिलेगा अब काले टमाटर का स्वाद
बागेश्वर। काला टमाटर बदलेगा अब बागेश्वर जिले के किसानों की तकदीर। यहां एक किसान ने इसे प्रयोग के रूप में अफ सीजन में ट्रायल किया है, लेकिन इसके अच्टे नतीजे सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए उद्यान विभाग ने तकनीकी जानकारी देकर इसे जल्द अन्य किसानों तक पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसे यूरोप का सुपर फूड के नाम से भी जाना जाता है। ब्रकली, मशरूम के बाद बागेश्वर के लोगों को अब काला टमाटर का भी स्वाद चखने को मिलेगा। कठायतबाड़ा के किसान सुरेश मास्साब ने अभिनव प्रयोग किया है। उन्हें टमाटर की जानकारी उद्यान विभाग ने दी और इसकी खेती करने के लिए प्रेरित भी किया। किसान ने काला टमाटर का बीज अनलाइन मंगाया। अफसीजन में इसका प्रयोग किया। आजकल पौधों पर काले टमाटर लगे हैं। विभाग ने उन्हें नीम खली व नीम अयल उपलब्ध कराया। अस्टेलियन वैरायटी का यह टमाटर यूरोप के सुपर फूड के नाम से जाना जाता है। इसमें सबसे अधिक लाइकोपिन, एंटी अक्सीडेंट होता है। मेडिसन के रूप में इसका उपयोग अधिक होता है। इसे जनवरी से अप्रैल तक उगाया जाता है। अन्य टमाटर की तरह ही यह 60 दिन में तैयार हो जाता है। बागेश्वर में यह अफसीजन ट्रायल किया है जो सफल रहा है।
जिले में काले टमाटर का भी लोगों को स्वाद मिलेगा। कठायतबाड़ा में सुरेश मास्साब ने इसकी खेती शुरू कर दी है। प्रयोग सफल रहा तो विभाग इसे वृहद स्तर पर करेगा। – कुलदीप जोशी, सहायक उद्यान अधिकारी, बागेश्वर(आरएनएस)।