पीएसीएल के निवेशकों व अभिकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
कंपनी में लगाया गया पैसा वापस नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
रियल इस्टेट कंपनी पीएसीएल में अपना पैसा लगाने वाले निवेशकों व अभिकर्ताओं ने गुरुवार को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कहा कि न्यायालय के आदेश के बाद भी अब तक उनका पैसा वापस नहीं मिल पाया है। जबकि, इस संबंध में निवेशक व अभिकर्ता कई बार केंद्र सरकार को पत्र भी भेज चुके हैं। अभिकर्ता व निवेशकों ने जल्द पैसा वापस नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
गुरुवार को कंपनी में पैसा लगाने वाले निवेशकों व अभिकर्ताओं ने तहसील परिसर में पहुंचकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। निवेशकों ने बताया कि 1996 में पीएसीएल लिमिटेड नाम की एक रियल इस्टेट की कंपनी शुरू हुई थी। कंपनी भूखंड देने के नाम पर एकमुश्त व किस्त की योजना चलाई, जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों व्यक्तियों ने स्थानीय एजेंटों के विश्वास पर बड़ी संख्या में निवेश कर दिया। वर्ष 2014 में अचानक भारत सरकार ने कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया।
कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आरएम लोढा कमेटी का गठन किया। कमेटी ने कंपनी को संपत्ति बेचने का अधिकार देकर छह माह के अंदर निवेशकों का पैसा वापस देने के आदेश दिए। लेकिन, कई वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक निवेशकों के पैसे वापस नहीं दिए जा रहे हैं। कहा कि इससे अभिकर्ताओं व निवेशकों में रोष बना हुआ है। कहा कि यदि जल्द निवेशकों का पैसा वापस नहीं लौटाया गया तो वह एकजुट होकर आंदोलन करेंगे। इस दौरान उत्तराखंड क्रांति दल के महेंद्र सिंह रावत ने भी अभिकर्ता व निवेशकों को अपना समर्थन दिया। इस मौके पर सुखदेव सिंह, गजेंद्र सिंह रावत, भूपाल सिंह नेगी, कल्पना रावत, गजेंद्र सिंह, लक्ष्मी बिष्ट आदि मौजूद रहे।