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पेयजल योजना क्षतिग्रस्त होने से 16 गांवो में पेयजल संकट गहराया

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रुद्रप्रयाग। सिलगढ़ क्षेत्र के लिए निर्माणाधीन तैला-सिलगढ़ पेयजल योजना क्षतिग्रस्त होने से 16 गांवो में पेयजल संकट गहरा गया है। जिससे क्षेत्रीय ग्रामीणों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। पेयजल योजना में अभी तक ठीक ढंग से पानी चलना भी सुचारू नहीं हुआ था कि लोनिवि के कारण एक बार फिर पाइप लाइन टूट गई। स्थानीय लोगों ने शीघ्र क्षतिग्रस्त योजना को ठीक करवाने की मांग की है। वर्ष 2010 में सिलगढ़ पट्टी के 16 ग्राम सभाओं के लिए तैला-सिलगढ़ पेयजल योजना की स्वीकृति मिली थी। बांगर पट्टी के किरवण गधेरे स्त्रोत से निर्माणाधीन करोड़ो रूपए की पेयजल लाइन के बार-बार क्षतिग्रस्त होने से सिलगढ़ के ग्रामीण परेशान है। पेयजल की ओर से 16 गावों में टैंक निर्मित किए गए। हालांकि धनाभाव के कारण डिस्ट्रीब्यूशन का कार्य न होने से जल निगम ने जल संस्थान को योजना हैंडओवर कर अस्थायी संचालन का जिम्मा दे दिया। क्षेत्र के कई गांवों में अपनी पुरानी लाइनों को कनेक्ट कर पानी का संचलन शुरू भी कर दिया था। लेकिन लाइन क्षतिग्रस्त होने से स्थिति पुनº खराब हो गई है। दो सप्ताह पूर्व पेयजल योजना पर पानी शुरू हुआ तो पुनº क्षतिग्रस्त हो गई। बताया जा रहा है कि गेंठाणा-सिरवाड़ी मोटरमार्ग निर्माण के मलबे से लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। मलबे व बोल्डर से कई पाइप टूट गए है। जिससे क्षेत्र के गांवों में एक बार फिर पेयजल संकट शुरू हो गया। ग्रामीणों को पीने के साथ ही मवेशियों के लिए पानी जुटाना काफी मुश्किल हो रहा है। वहीं जल संस्थान ने लाइन ठीक करवाने के लिए बजट की मांग की है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संजय सिंह का कहना है कि मोटरमार्ग से क्षतिग्रस्त लोक निर्माण विभाग को क्षतिग्रस्त पाइप लाइन के निर्माण के लिए शीघ्र बजट देने को कहा गया है।

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