कोटद्वार-पौड़ी

पौधरोपण के साथ संरक्षण का लिया संकल्प

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मैत्री संगठन की ओर से आयोजित किया गया हरेला पर्व
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: उत्तराखंड सामाजिक सांस्कृतिक मैत्री संगठन की ओर से हरेला पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। सदस्यों ने पौध रोपण के साथ ही लोकगीत भी गए। इस दौरान सदस्यों ने लगाए गए पौधों के संरक्षण का भी संकल्प लिया।
कुमाऊनी संगठन द्वारा कोटद्वार में पहली बार कुमाऊनी बैनर तले हरेला पर्व का आयोजन किया गया। हरेला पर्व में उत्तराखंडी लोकगीत, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा के साथ भजन – कीर्तन का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर संगठन के लोगों ने सिगड्डी चिल्लर खाल स्थित हनुमान मंदिर में पूरे विधि विधान और पूजा अर्चना हरेला पर्व की शुरुआत की। भक्तों और महिला मंडलों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। संगठन द्वारा कुमाऊनी लोगों के बीच कुमाऊं संस्कृति, कुमाऊनी विरासत, कुमाऊनी खान-पान, पहनावा व भाषा बोली पर विशेष जोर दिया गया। संगठन के अध्यक्ष हुकुम नेगी ने बताया कि संगठन को बनाने का उद्देश्य कुमाऊं की नई पीढ़ी को कुमाऊनी संस्कारों से परिचय कराना है। संगठन के सांस्कृतिक सचिव सुधीर पांडे ने हरेला पर्व को ध्यान में रखते हुए बताया कि हरेला पर्व कुमाऊं में वर्षों से पर्यावरण और संस्कृति को बचाने के लिए काम करता आ रहा है,जोकि एक बहुत सुंदर प्रयास होता रहा है और आज इसकी महत्ता बहुत बढ़ गई है। संगठन के सचिव भास्कर पोखरिया ने बताया कि नई पीढ़ी कुमाऊनी भाषा बोली से भी अनजान होती जा रही है, इसलिए हमें अपनी भाषा बोली को पुनर्जीवित करने के लिए संगठन के माध्यम से काम करना होगा। संगठन के कोषाध्यक्ष पूरन अधिकारी ने बताया कि संगठन द्वारा कोटद्वार के विभिन्न क्षेत्रों में कुमाऊनी पारंपरिक त्यौहारों के अवसर पर कुमाऊनी लोगों के मिलन के लिए भव्य आयोजन के प्रयास किए जा रहे हैं जिसमें कुमाऊं की भाषा बोली के साथ पहनावे पर विशेष जोर दिया जाएगा। संगठन के उपाध्यक्ष शंकर दत्त जोशी ने कहा कि हमें घर पर भी कुमाऊनी बोली भाषा को प्रमुखता देनी होगी जिससे कि नई पीढ़ी संस्कृति को पहचान सके। संगठन के मीडिया प्रभारी पुष्कर पवार ने बताया कि संगठन का उद्देश्य कुमाऊं के सामाजिक पृष्ठभूमि को मजबूत बनाने के साथ-साथ निर्धन, असहाय, विधवा और प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देना भी रहेगा । इसके लिए संगठन समय-समय पर विद्यालयों और सार्वजनिक आयोजन के माध्यम से प्रयास करेगा। संगठन से जुड़े वयोवृद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व प्रधानाचार्य दिलबर सिंह बिष्ट ने कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को कुमाऊं संस्कृति से जोड़ने का आह्वान किया। हरेला पर्व के कार्यक्रम में वार्ड नंबर 39 के पार्षद जगदीश मेहरा ने कार्यक्रम की शुरुआत की और संगठन के प्रयास को सराहा। संगठन द्वारा हरेला पर्व का मुख्य कार्यक्रम सुंदरकांड हनुमान चालीसा का आयोजन उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोकगायक दयाशंकर फुलारा और साथियों द्वारा किया गया जिसमें लोकगायिका गीता,कैसियो पर दीपक,व ढोलक पर दीपक जैसे कलाकारों द्वारा बहुत सुंदर ढंग से किया गया। इस अवसर पर दयाशंकर फुलारा एंव द्वारा कुमाऊनी लोकगीत और भजन कीर्तन भी गाए गए। सिगड्डी क्षेत्र की महिलाओं की कीर्तन मंडलियों द्वारा भी कीर्तन भजन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुधीर पांडे द्वारा किया गया। कार्यक्रम समाप्ति पर सुंदरकांड का प्रसाद वितरण कर लोगों को हरेला पर्व की शुभकामनाओं के साथ परिवार की खुशहाली के लिए आह्वान किया गया।

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