पीएम मोदी ने महिला आरक्षण से तैयार किया 2029 तक की सियासत का रोड मैप, ऐसे साधेंगे सियासी समीकरण
नई दिल्ली, एजेंसी। महिला आरक्षण बिल के पास होने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सियासत में 2029 तक का बड़ा राजनैतिक रोड मैप तैयार कर दिया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस रोड मैप के सहारे भाजपा अपनी जीत की दावेदारी सिर्फ 2024 के होने वाले लोकसभा चुनाव में ही नहीं, बल्कि आरक्षण के लागू होने वाले वर्ष 2029 तक का पूरा खाका खींच चुकी है। इस दौरान सिर्फ 2029 के लोकसभा चुनाव ही नहीं बल्कि उससे पहले होने वाले देश के अलग-अलग राज्यों के तकरीबन सभी विधानसभा चुनावों में भी इसका बड़ा सियासी माइलेज मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है।
जिस तरीके से महिला आरक्षण को 2029 के लोकसभा चुनाव में लागू किए जाने की बात कही जा रही है, उससे देश की सियासत में भाजपा के लिहाज से एक बड़े सियासी नफे के सौदे के तौर पर देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषक ओपी माथुर कहते हैं कि सियासत में संदेश हमेशा से बहुत मायने रखता है। जिस तरीके से महिला आरक्षण बिल को पास कराए जाने के बाद भाजपा इसका पूरा श्रेय लेती हुई दिख रही है, उससे अंदाजा लगाना बिल्कुल मुश्किल नहीं है कि सत्ता पक्ष अगले लोकसभा चुनाव में किस मुद्दे पर सियासी जमीन तैयार कर रहा है। माथुर कहते हैं कि इसकी गंभीरता को समझते हुए ही लड़ाई पक्ष और विपक्ष के बीच में इस आरक्षण को लागू कराए जाने वाले क्रेडिट के लिए भी मच रही है। भारतीय जनता पार्टी जहां अपनी सरकार का और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका पूरा क्रेडिट दे रही है, वहीं कांग्रेस यह बताने में लगी है कि कैसे उनकी सरकारों ने शुरुआती दौर में इस बिल की वकालत की थी। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सभी सियासी दलों को अंदाजा है कि महिला आरक्षण बिल आने वाले चुनाव में कितना बड़ा और जिताऊ मुद्दा बनने वाला है।
सियासी जानकारों का मानना है कि महिला आरक्षण अब एक ऐसा मुद्दा बन चुका है, जिसका सियासी फायदा न सिर्फ 2024 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दल उठाने वाले हैं, बल्कि 2029 में भी इसी महिला आरक्षण बिल का सियासी फायदा मिलने वाला है। वरिष्ठ पत्रकार जटाशंकर सिंह बताते हैं कि जिस तरीके से आरक्षण को लेकर भारतीय जनता पार्टी आक्रामक रूप से इसका पूरा श्रेय लेने के लिए माहौल बना रही है, उससे यह अगले साल होने वाले लोकसभा के चुनाव के प्रमुख मुद्दों में यह मुद्दा शामिल होता नजर आ रहा है। उनका कहना है क्योंकि विशेष सत्र महिला आरक्षण बिल को पास किया गया है, इसलिए सत्ता पक्ष का भरपूर सियासी फायदा तो उठाएगा ही। क्योंकि यह आरक्षण 2029 के लोकसभा चुनावों से पहले लागू नहीं होने वाला। इसलिए इस दौरान यानी अक्तूबर 2023 के बाद से लेकर 2029 के लोकसभा चुनाव के बीच में, जितने भी विधानसभा के चुनाव होंगे, उसमें भी यह आरक्षण का मुद्दा बड़ा सियासी मुद्दा बनने वाला है। उसके बाद 2029 में जब लोकसभा चुनाव होंगे, तो महिला आरक्षण के आधार पर सीटों का बंटवारा होगा, जिसमें भाजपा इसे बड़े सियासी मुद्दे के तौर पर आगे रखेगी। राजनीतिक रणनीतिकार मानते हैं कि यह भारतीय जनता पार्टी की एक बहुत बड़ी रणनीति का हिस्सा भी है।
वहीं शुक्रवार को एतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक के संसद से पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने पार्टी की महिला कार्यकताओं का अभिवादन किया। उन्होंने महिला कार्यकर्ताओं के पैर भी छुए। इसके बाद महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी का अभिनंदन किया। इस कार्यक्रम में भाजपा की सभी महिला सांसद, दिल्ली की सभी महिला पार्षद व अन्य महिला जन प्रतिनिधियों की मौजूदगी रही। उन्होंने कहा कि मैं आज देश की हर माता को, बहन को, बेटी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। कल और परसो हम सबने एक नया इतिहास बनते देखा है। हम सबका सौभाग्य है कि ये इतिहास बनाने का अवसर कोटि-कोटि जनों ने हमें दिया है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम का दोनों सदनों से पास होना, इस बात का भी साक्षी है कि जब पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार होती है, तो देश कैसे बड़े फैसले लेता है, बड़े पड़ावों को पार करता है।
पास हुए महिला आरक्षण को लेकर सियासत लगातार तेज होती जा रही है। कांग्रेस के नेता और सांसद राहुल गांधी कहते हैं कि महिला आरक्षण से पहले जनगणना होगी और दूसरा परिसीमन करना होगा। इन दोनों को करने के लिए कई साल लगेंगे। महिला आरक्षण आज किया जा सकता है, लेकिन सरकार यह करना नहीं चाहती है। सच्चाई यह है कि यह आज से 10 साल बाद लागू होगा। राहुल गांधी ने मांग की है कि महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी आरक्षण को लागू किया जाए। उन्होंने सवाल करते पूछा कि देश को चलाने वाले संस्थान, संसद में कैबिनेट सचिव और सचिव सरकार चलाते हैं। मैंने पूछा कि 90 में से सिर्फ तीन अधिकारी ही क्यों ओबीसी वर्ग से हैं। पीएम मोदी हर दिन ओबीसी की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने ओबीसी वर्ग के लिए क्या किया है। राहुल गांधी ने कहा कि आप किस चीज से ध्यान भटकाना चाहते हैं।