पीएम मोदी स्वतंत्रता दिवस पर हील इन इंडिया, हील बाय इंडिया परियोजनाओं की कर सकते हैं घोषणा
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को लगातार नौवीं बार लाल किले पर झंडारोहण करेंगे और राष्ट्र को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर वह स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए हील इन इंडिया (भारत में आरोग्य), हील बाय इंडिया (भारत द्वारा आरोग्य) जैसी कई पहलों और 2047 तक सिकल सेल (रक्त में लाल कोशिकाओं से जुड़ी) बीमारी को खत्म करने के लिए एक रोडमैप की घोषणा कर सकते हैं।आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लाल किले से प्रधानमंत्री की घोषणा में राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में सर्वाइकल र्केसर के खिलाफ क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस टीके (क्यूएचपीवी) को शामिल करने और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का श्पीएम समग्र स्वास्थ्य मिशनश् के नए नाम से विस्तार भी शामिल हो सकता है।
सूत्रों ने कहा कि हील इन इंडिया पहल का उद्देश्य देश को मेडिकल टूरिज्म के एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने का है। इसके तहत 12 राज्यों के 37 अस्पतालों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे को बढ़ाया जाएगा। 10 चिह्नित हवाई अड्डों पर दुभाषिए और विशेष डेस्क, एक बहुभाषी पोर्टल और अंतरराष्ट्रीय रोगियों व उनके तीमारदारों के लिए सरलीत वीजा मानदंड भी पहल के मुख्य आकर्षणों में से हैं।
सरकार ने ऐसे 44 देशों की पहचान की है, जहां से बड़ी संख्या में लोग चिकित्सा उद्देश्यों के लिए भारत आते हैं। इनमें मुख्य रूप से अफ्रीकी, लातिन अमेरिकी, दक्षेस और खाड़ी देश शामिल हैं। पहल में इन देशों में इलाज की लागत और गुणवत्ता को भी ध्यान में रखा गया है।
हील बाय इंडियाश् पहल का उद्देश्य देश को स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रशिक्षित और सक्षम श्रमशक्ति के वैश्विक स्त्रोत के रूप में पेश करना है। इसके तहत स्वास्थ्य मंत्रालय चिकित्सकों, नर्सों और फार्मासिस्ट सहित स्वास्थ्य पेशेवरों का एक आनलाइन मंच तैयार कर रहा है जिसमें यह उल्लेख करने का भी प्रविधान होगा कि वे किस देश को अपनी सेवाएं देना चाहते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि पोर्टल के माध्यम से बाहरी हितधारक जैसे भारत या विदेश के मरीज और नियोक्ता चिकित्सा प्रणाली, भाषाओं के ज्ञान और काम करने के लिए पसंदीदा देश के आधार पर अपनी जरूरत के पेशेवर की तलाश कर सकेंगे।
जिलास्तरीय अस्पतालों में तृतीय स्तरीय (अत्यधिक विशिष्ट) देखभाल क्षमता विकसित करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विस्तार की प्रधानमंत्री की अपेक्षित घोषणा के बारे में सूत्र ने कहा कि प्रत्येक राज्य के लिए आवंटित संसाधनों का पांच प्रतिशत तृतीयक देखभाल के लिए निर्धारित किया जाएगा।
भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक श्सिकल सेलश् बीमारी को खत्म करने के बारे में एक अधिकारी ने कहा कि तीन साल में 17 राज्यों के 200 जिलों में 40 साल से कम उम्र के लगभग सात करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग का खाका तैयार किया गया है। जहां तक क्यूएचपीवी टीके का सवाल है तो इस स्वेदश में सीरम इंस्टिट्यूट आफ इंडिया ने विकसित किया है। फिलहाल भारत इस टीके के लिए पूरी तरह विदेश पर निर्भर है। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय 9-14 वर्ष आयुवर्ग की लड़कियों के लिए क्यूएचपीवी टीकाकरण की शुरुआत करने की योजना बना रहा है। टीकाकरण से इस आयुवर्ग की लड़कियों में सर्वाइकल र्केसर को रोका जा सकता है।
भारत में सर्वाइकल र्केसर 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में दूसरा सबसे अधिक बार होने वाला र्केसर है। विश्व स्तर पर, 6,04,000 महिलाएं सर्वाइकल र्केसर से प्रभावित हैं और 3,42,000 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है।
भारत में हर साल 1,22,844 महिलाएं सर्वाइकल र्केसर से प्रभावित होती हैं, जिनमें से 67,477 की मौत हो जाती है। सूत्रों ने कहा कि एचपीवी शाट्स के साथ 9-14 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों को टीका लगाकर सर्वाइकल र्केसर को रोका जा सकता है।भारत के औषधि महानियंत्रक ने 12 जुलाई को एसआईआई को क्यूएचपीवी के निर्माण के लिए बाजार प्राधिकरण प्रदान किया। सरकार के सलाहकार पैनल एनटीएजीआई ने हाल ही में टीके के नैदानिक घ्घ्परीक्षण डेटा की समीक्षा के बाद क्यूएचपीवी को मंजूरी दी है।