पीएम मोदी बोले- कोरोना महामारी दिला रही याद अभी खत्म नहीं हुआ जलवायु परिवर्तन का खतरा

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नई दिल्ली, एजेसीां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जलवायु शिखर सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मानवता अभी वैश्विक महामारी से जूझ रही है। यह घटना याद दिलाती है कि जलवायु परिवर्तन का गंभीर खतरा खत्म नहीं हुआ है। दुनियाभर के लोगों के लिए एक जीवंत वास्तविकता है। महामारी ने लोगों के जीवन और आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तेज गति से और बड़े पैमाने पर ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बखूबी अपना काम कर रही है। इसके लिए साल 2030 तक 450 गीगा वट का हमारा महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य इस प्रतिबद्घता को दर्शाता है। एक जिम्मेदार विकासशील देश के रूप में भारत इस लड़ाई में सतत विकास का खाका बनाने के लिए भागीदारों का स्वागत करता है। इससे अन्य विकासशील देशों को भी मदद मिल सकती है जिन्हें ग्रीन फाइनेंस और क्लीन टेक की सस्ती पहुंच की जरूरत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत और अमेरिका काम कर रहे हैं। राष्ट्रपति बिडेन और मैं भारत-अमेरिका जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 भागीदारी शुरू कर रहे हैं। हम स्वच्छ प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करते हुए हरित सहयोग को मजबूती देंगे। इसके लिए हम निवेश जुटाने में भी एक दूसरे की मदद करेंगे। पोस्ट कोविड युग में स्थायी जीवन शैली हमारी आर्थिक रणनीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ होना चाहिए। इस संदर्भ में मुझे स्वामी विवेकानंद का वह नारा याद आता है़.़ उठो, जागो और तब तक नहीं रुकना है जब तक लक्ष्य पूरा न हो जाए।
मालूम हो कि कोरोना महामारी के चलते इस जलवायु शिखर सम्मेलन में 40 देशों के नेता वर्चुअल माध्घ्यम के जरिए हिस्सा ले रहे हैं। इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी समेत 40 देश के नेताओं को आमंत्रित किया है। इस बैठक में पहली बार अमेरिका के घोर विरोधी चीन और रूस भी शामिल हो रहे हैं। बैठक में पाकिस्तान को न्यौता नहीं दिया गया है। दक्षिण एशिया से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग को भी इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।

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