कोटद्वार-पौड़ी

सड़कों पर संचालित हो रहे गैराज, रेहड़ी-ठेली तक सिमटी पुलिस

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अतिक्रमण के नाम पर पुलिस व प्रशासन को नजर आ रही केवल रेहड़ी-ठेली
सड़क पर संचालित हो रहे गैराज से यातायात व्यवस्था हो रही बेपटरी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: गोखले मार्ग की रेहड़ी-ठेली व फड़ वालों को हटाने के लिए पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी है। लेकिन, शहर की सड़कों पर संचालित हो रहे गैराज पर पुलिस का ध्यान नहीं जा रहा। नतीजा, गैराज के कारण आमजन का सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। आमजन को हर समय सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। मरम्मत के नाम पर सड़क किनारे वाहनों की कतारे लगी रहती हैं।
कोटद्वार शहर में 80 से अधिक गैराज संचालित हो रहे हैं। अधिकांश गैराज संचालक दुकान के बाहर राष्ट्रीय राजमार्ग व मुख्य मार्गों पर अपने कब्जा जमाकर बैठे हुए हैं। मरम्मत के नाम पर सड़क के दोनों ओर भारी वाहनों की कतार लगाई हुई है। ऐसे में मार्ग से गुजरने वाले राहगिरों को हर समय दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। सड़क किनारे वाहनों के कब्जे से आमजन बीच सड़क से पैदल चलने को मजबूर हो गया है। मानपुर निवासी संजय शर्मा, मुकेश नेगी ने बताया कि शहर में यातायात व्यवस्था बेपटरी होने का सबसे बड़ा कारण सड़क पर चल रहे गैराज भी हैं। बाजवूद सरकारी सिस्टम इस पर ध्यान देने को तैयार नहीं है। सबसे बुरी स्थिति नजीबाबाद रोड, कौड़िया, झंडाचौक-सिताबुपर रोड, देवी रोड, मानपुर रोड, लकड़ीपड़ाव-कुंभीचौड़ मार्ग पर बनी हुई है।

यह थी पूर्व की योजना
कुछ वर्ष पूर्व तत्कालीन नगर पालिका ने सड़क किनारे संचालित हो रहे गैराज को मोटर नगर स्थित खाली दुकानों में शिफ्ट करने का निर्णय लिया था। लेकिन, अधिकांश गैराज संचालक आज भी उन दुकानों में शिफ्ट नहीं हुए। नतीजा, गैराज के कारण शहर मे यातायात व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। जबकि, सिस्टम का भी इन पर कोई नियंत्रण नहीं दिख रहा।

पूरे दिन खड़े रहते हैं वाहन
गैराज संचालक मरम्मत के नाम पर भारी वाहनों को पूरे दिन सड़क पर खड़े रखते हैं। इसके कारण आमजन को पैदल चलने का रास्ता तक नहीं मिल पाता। जिससे हर समय दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। सबसे अधिक परेशानी रात के अंधेरे में होती है। दरसअल, अंधेरा होने के बाद सड़क पर खड़े भारी वाहन नजर नहीं आते।

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