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नेहरूसरनेम पर सियासत: कांग्रेस का पीएम मोदी पर पलटवार, कहा- उन्हें भारतीय संस्ति की बुनियादी समझ नहीं

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नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संसद में कहा था कि गांधी परिवार अपने नाम के पीटे नेहरू सरनेम का इस्तेमाल नहीं कर रहा है। एक दिन बाद कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें भारतीय संस्ति की बुनियादी समझ नहीं है।
राज्यसभा में मोदी के भाषण के बारे में जब कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला की प्रतिक्रिया पूछी गई, तो उन्होंने संवाददाताओं से कहा, केवल भगवान ही इस देश को बचा सकता है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदी में कांग्रेस मुख्यालय पर संवाददाता सम्मेलन में सुरजेवाला ने कहा, कोई व्यक्ति जो इस तरह के जिम्मेदार पद पर बैठा है, वह भारत की संस्ति को नहीं जानता-समझता नही हैं। आप देश में किसी भी व्यक्ति से पूछ सकते हैं कि क्या वह अपने नाम में नाना के सरनेम का उपयोग करते हैं? सुरजेवाला ने कहा, अगर उन्हें (पीएम मोदी) भारत की संस्ति की यह बुनियादी समझ नहीं है,तो केवल भगवान ही इस देश को बचा सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था, अगर हमारे द्वारा नेहरू जी का नाम छोड़ दिया जाता है, तो हम अपनी गलती सुधार लेंगे, क्योंकि वह देश के पहले प्रधानमंत्री थे। लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि उनके परिवार का कोई भी व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से क्यों डरता है? क्या नेहरू सरनेम होने में कोई शर्म है? शर्म की बात क्या है? जब एक परिवार ऐसे महान व्यक्तित्व को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है, तो आप हमसे क्यों सवाल करते रहते हैं।
मामले में पुलिस ने मां, नाना और बिचौलिए के साथ ही खरीदार को गिरफ्तार कर लिया है।वहीं, बच्चा खरीदने के आरोपी महादेव को वंश आगे बढ़ाने की चाह ने अपराधी बना दिया। उसने कानूनी तरीके से बेटा गोद लेने के बजाय खरीद-फरोख्त से बेटा खरीदना चाहा।
हरिद्वार के कनखल थाना क्षेत्र में तीन महीने के मासूम का आठ लाख रुपये में मां ने ही सौदा तय कर दिया। पुलिस को इसकी भनक लग गई। पुलिस ने दबिश देकर मां, नाना और बिचौलिए के साथ ही खरीदार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पांच लाख की नकदी भी बरामद की है, जो खरीदार से बतौर एडवांस ली गई थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्जकर गिरफ्तार कर लिया।
शुक्रवार को रोशनाबाद स्थित कार्यालय में मामले का खुलासा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि राज बिहार फेस-1 फुटबाल ग्राउंड के पास एक घर में बच्चे की खरीद-फरोख्त की सूचना मिली थी। कनखल थाने की टीम ने मौके पर छापा मारा। पुलिस ने बच्चे की मां मोनिका, नाना पिंटू निवासी ग्राम सूबखेडा पौंटा जिला सिरमौर हिमाचल प्रदेश, हाल पता बलराम वाली गली निकट फुटबल ग्राउंड जगजीतपुर कनखल के अलावा महादेव निवासी रानीपोखरी देहरादून और हर्षी निवासी राजागार्डन गली नंबर तीन कनखल को गिरफ्तार कर लिया। महादेव बच्चे का खरीदार है, जबकि हर्षी बिचौलिया और महादेव की बहन है।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपी महादेव की शादी को 10 साल हो गए थे। उसकी एक बेटी है। उसने बेटा गोद लेने की इच्छा जताते हुए बहन हर्षी को बताया। हर्षी ने भाई के लिए बेटे की तलाश शुरू कर दी। इसी दौरान हर्षी को पता चला कि जगजीतपुर कनखल की मोनिका का पति से कुछ समय पहले तलाक हो गया है। उसका तीन माह का बच्चा है जिसे वह बेचना चाहती है। हर्षी ने जानकारी भाई महादेव को दी और मोनिका से बच्चा खरीदने हरिद्वार आ गए। आठ लाख रुपये में बच्चा खरीदने का सौदा तय हुआ। पांच लाख रुपये बतौर एडवांस दे दिए। जबकि बाकी तीन लाख रुपये बाद में देना तय हुआ। थाना प्रभारी नरेश राठौड़ ने बताया कि सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया।
बच्चा खरीदने के आरोपी महादेव को वंश आगे बढ़ाने की चाह ने अपराधी बना दिया। उसने कानूनी तरीके से बेटा गोद लेने के बजाय खरीद-फरोख्त से बेटा खरीदना चाहा। उसकी बहन हर्षी भी इस अपराध में भागीदार बनी। हर्षी ने ही महादेव को मोनिका से बेटा दिलवाने की बात करवाई। शुक्रवार को जगजीतपुर में बच्चा लेने के लिए पहुंचे और धरे गए।
मोनिका ने अपने पिता पिंटू के साथ मिलकर अपने ही मासूम बच्चे का सौदा किया। मोनिका के दो बेटे और एक बेटी है। पति से तलाक हो चुका है। वह घरों मे झाड़ू पोछा कर गुजर बसर करती है। पिता भी उसी के साथ रहते हैं। तीसरे बच्चे को जन्म देने के बाद पैसों के लालच में उसे बेचना चाहती थी।

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