जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर मेहरबान सिंह कंडारी सरस्वती विद्या मंदिर कॉलेज में ऑनलाइन निबन्ध व पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता में अंकुश, रितु रानी, याशी नेगी, निबन्ध प्रतियोगिता में भूमिका खाती, संदीप पंवार, शालिनी नेगी ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त किया।
शनिवार को राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष में ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य चन्दन सिंह ने कहा कि लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नाडियाड, गुजरात में हुआ था, जो कि स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री थे। भारत की आजादी के पहले तीन वर्षों में ही वे भारत के उप प्रधानमंत्रभ्, गृहमंत्री, सूचना मंत्री व राज्य मंत्री रहे थे। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में करीब 500 से भी ज्यादा देशी रियासतों का एकीकरण एक सबसे बड़ी समस्या थी, परन्तु सरदार बल्लभ भाई पटेल ने कुशल कूटनीति व रणनीति तथा जरूरत पड़ने पर सैन्य हस्तक्षेप की सहायता से उन अधिकांश रियासतों को भारतीय तिरंगे के साथ एकीकरण करने में सफलता प्राप्त की थी। इस उपलब्धि के चलते उन्हें लौह पुरूष या भारत का बिस्मार्क की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के एनएनएस कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल एक कुशल भारतीय बैरिस्टर थे। बारदोली के सत्याग्रह आंदोलन के बाद इनको सरदार की उपाधि दी गयी। इन्हें मरणोपरान्त सन 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया गया, वर्ष 2014 से सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयन्ती 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।