प्रदेश के बीएड बेरोजगारों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप

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रुडकी। बीएड टीईटी मेरिट संगठन से जुड़े युवाओं ने बैठक कर सरकार पर प्रदेश के बीएड बेरोजगारों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने सहायक अध्यापकों के कम से कम 1500 पदों पर टीईटी मेरिट से भर्ती शुरू नहीं की तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
बीएड टीईटी मेरिट संगठन से जुड़े बेरोजगार युवकों ने बुधवार को बैठक करके प्रदेश के राजकीय प्राथमिक स्कूलों में चल रही सहायक अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया विचार किया। युवाओं ने कहा कि दिसंबर 2018 में सरकार ने राजकीय प्राथमिक स्कूलों में सामान्य और बैकलॉग के करीब 750 पदों पर सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए विज्ञप्ति निकाली थी। परंतु बीच में मामला नैनीताल हाईकोर्ट में चले जाने के कारण भर्ती की प्रक्रिया लंबित पड़ी रही।
अक्टूबर 2020 में हाईकोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद अब सरकार इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ा रही है। कहा कि शिक्षा विभाग ने इन 750 पदों को घटाकर बाकी के बैकलॉग के पदों को नई नियमावली 2019 में सम्मिलित करने के आदेश जारी किए हैं। ऐसा होने से इनकी भर्ती में केवल डीएलएड उपाधि वाले युवकों और शिक्षामित्रों को ही अध्यापक बनने का मौका मिलेगा, जबकि प्रदेश में बीएड प्रशिक्षण प्राप्त बेरोजगार युवकों की संख्या इन से कई गुना अधिक है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बीएड बेरोजगारों के साथ पक्षपात कर रही है। साथ ही मांग की की सरकार सहायक अध्यापकों के कम से कम डेढ़ हजार पदों पर टीईटी मेरिट से भर्ती की प्रक्रिया शुरू करे। साथ ही चेतावनी दी कि ऐसा न होने पर वे आंदोलन करेंगे। बैठक में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सूरज कुमार, प्रदेश महामंत्री आशीष प्रभाकर, के अलावा पवन चौहान, बॉबी सिंह, वीर सिंह, पंकज कुमा,र बृजभूषण, बलबीर तोमर, पुष्पेंद्र सिंह, सुरेश टम्टा, कोमल, सुनीता आदि युवा मौजूद थे।

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