बागेश्वर। गर्भ धारण और प्रसव पूर्व निदान तकनीक- विनियमन तथा दुरुपयोग अधिनियम (पीसीपीएनडीटी ) के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीडी जोशी ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में किसी भी विधि से प्रसव पूर्व लिंग जांच अथवा निर्धारण नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत इसमें कार्रवाई का प्रावधान है। शासन से बेटियों की सुरक्षा और उनके समग्र विकास के लिए बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान का संचालन किया जा रहा है। स्थानीय एक होटल में हुई कार्यशाला में उन्होंने कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट की जानकारी आम जन को कम होने से विसंगतियां सामने आती हैं। इसलिए यह जरूरी हैं हम सभी लोगों को अधिक आबादी वाले गांवों एवं शहरी क्षेत्रों में होर्डिंग तथा दीवार लेखन कर एक्ट की जानकारी आम जन को दी जाए। चिकित्सक और समाज इस कार्य में अग्रणी भूमिका निभानी होगी। पीसीपीएनडीटी एक्ट की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि डीएम की अध्यक्षता में जिले में समिति का गठन किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि लिंगानुपात में जनपद बागेश्वर प्रदेश में प्रथम स्थान पर हैं, जिसके लिए सभी को और अधिक सजकता से कार्य करते हुए इसका व्यापक रूप में प्रचार-प्रसार किया जाए। कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीके सक्सेना ने एक्ट की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा कन्या भ्रूण हत्या, लिंग जांच के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी दी जाती हैं, तो उसके नाम इत्यादि का गुप्त रखते हुए शासन से उसे पांच हजार तक का इमान देने का प्रवधान भी है। कार्यशाला में प्रभारी चिकित्साधिकारी कांडा हरीश पोखरिया, डॉ. प्रमोद जंगपांगी, डॉ. मुन्ना लाल सहित बाल विकास विभाग के सुपरवाइजर व आशा कार्यकत्री तथा संबंधित कर्मचारी मौजूद रहे।