कोटद्वार-पौड़ी

पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई की अध्यक्षता में जिला राज्य पर्यावरण योजना की तैयारी पर परामर्शी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि पर्यावरण और परिस्थितिकीय पहलुआें को संरक्षित रखते हुए, पर्यावरण संरक्षण बेहद जरूरी है। इसके संतुलन को बनाए रखने के लिए हम लोगों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कार्यशाला में बताये जा रहे समस्त बिन्दु को गम्भीरता से लेते हुए बेहतर प्लान तैयार करने हेतु संबंधित वैज्ञानिकों से समन्यवय बनाये रखेगें। साथ ही नोडल अधिकारी बनाने के भी निर्देश दिये।
नगर पालिका परिषद सभागार पौड़ी में मंगलवार को प्रभारी जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी आशीष भटगांई की अध्यक्षता में गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिक डॉ0 जेसी कुनियाल ने उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देहरादून द्वारा वित्त पोषित प्रोजेक्ट का जिला पर्यावरण प्रबंधन प्लानिंग से संबंधित होने वाले कार्यकलापों का विभिन्न विभागों के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुतीकरण किया। मुख्य विकास अधिकारी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को एक माह के भीतर अपने-अपने विभाग की कार्ययोजना निर्धारित प्रारूप में बनाकर समीट करने के निर्देश दिये। उन्होंने नगर निकाय, जल संस्थान, फॉरेस्ट, परिवहन व विकास प्राधिकरण आदि विभागों को ठोस कार्य योजना बनाने के साथ ही प्रस्तावित किए गए प्रारूप को एक माह के भीतर तैयार कर पर्यावरण संस्थान अल्मोड़ा को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये, ताकि जिले की पर्यावरण प्लानिंग से संबंधित रिपोर्ट एनजीटी के सुपुर्द की जा सके। उन्होंने प्रदूषण मॉनेटिंग हेतु स्थाई उपकरण स्थापित करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने प्लास्टिक कचरा निस्तारण एवं रीवर प्लान्ट पर बेहतर कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिये।
इस मौके पर वैज्ञानिक डॉ0 जेसी कुनियाल ने पर्यावरण के संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि सोलेट बेस्ट मैनेजमेंट बायोमेडिकल बेस्ट प्लास्टिक बेस्ट मैनेजमेंट वायु प्रदूषण आदि पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कार्यों के बेहतर निस्पादन को लेकर हमारी जिम्मेदारियां और अधिक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन के बगैर भविष्य में जीवन मुश्किलों से भरा होगा। पर्यावरण संस्थान के डॉ. सुमित राय मृदा वैज्ञानिक एवं डॉ. कपिल केसरवानी ग्लेशियर वैज्ञानिक ने पर्यावरण के संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यशाला में अपर जिलाधिकारी डॉ0 एसके बरनवाल, उपजिलाधिकारी एसएस राणा, अपर्णा ढौंडियाल, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी राजेन्द्र विराटिया, डीटीडीओ खुशाल सिंह नेगी, डीडीएमओ दीपेश काला, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका पौड़ी अधिशासी अभियंता प्रदीप बिष्ट, एसडीओ वन विभाग राजेन्द्र रावत, ईडीएम प्रकाश चैहान, अधिशासी अभियन्ता एनएच धुमाकोट शशि बिष्ट आदि उपस्थित थे।

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