मानसून को लेकर तैयारियां शुरू, नदी-नाले को लेकर बनी चुनौती
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : मानसून को देखते हुए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। जिले में सभी विभागों की कार्ययोजना बनाई गई है। नदी-नालों को लेकर प्रशासन की चुनौती बनी हुई है। कोटद्वार में पनियाला नाला से लेकर श्रीनगर के कुछ हिस्सों में जल भराव की दिक्कतें हर साल मानसून में आती है।
एक ओर मानसून ने तकरीबन दस्तक दे दी है वहीं अभी तक आपदा उपकरणों की खरीद पूरी नहीं हो पाई है। जैम पोर्टल पर उपकरण नहीं मिल पाने से पिछला टेंडर निरस्त हो गया। अब दुबारा प्रक्रिया जारी की गई है। जो उपकरण रह गए उनमें लाइफ जैकेट से लेकर एमजेंसी लाइटें आदि भी शामिल है। जिला आपदा प्रबंधन अफसर डीपी काला ने बताया कि उपकरणों की खरीद जल्द ही कर ली जाएगी। मानसून को देखते हुए अस्थाई शिविरों के लिए स्थानों का चयन कर लिया गया है। जिन क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने से नुकसान हुआ उनकी जानकारी शासन को भेजी गई है। मुख्यालय पर एक न्यूली मॉडल वाहन को 24 घंटे आपदा उपकरणों से लैस होकर तैयार रखा गया है। जरूरत पड़ने पर यह वाहन सीधे संबंधित स्थान को भेजा जा सकता है। बरसात में कई बार ग्रामीण क्षेत्रों से संपर्क नहीं होने की समस्या सामने आती है ऐसे में हाई रेंज की वॉकी टॉकी रखी गई है। हर तहसील में ये 3-3 उपकरण दिए गए हैं और अन्य मुख्यालय पर हैं, जरूरत पड़ने पर इन्हें संबंधित तहसीलों को दिया जा सकता है। लाइफ जैकेट और कुछ लाइटें अभी लेनी रह गई है। जिले में करीब छह दर्जन स्थानों का चयन अस्थाई शिविरों के लिए किया गया है। जरूरत पड़ने पर यहां किसी भी समय अस्थाई शिविर लगाएं जा सकते हैं। बारिश के कारण हर बार सड़कों के अवरुद्ध होने से आवाजाही प्रभावित होती है। लोनिवि ने करीब 70 भूस्खलन स्थल चिह्नित किए हुए हैं। जिले में बारिश के कारण बंद सड़कों को खोलने के लिए 50 से अधिक जेसीबी की जरूरत पड़ती है हालांकि लोनिवि के पास जेसीबी की कमी होने पर प्राइवेट जेसीबी हायर करनी पड़ती है।