-केंद्र सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में कर रहा बिल लाने की तैयारी
-प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कर चुके हैं आगाह, गलत हाथों में गई क्रिप्टो करेंसी तो युवा हो सकते हैं बर्बाद
नई दिल्ली, एजेंसी। क्रिप्टो करेंसी को लेकर देश में बड़ी अजीब सी स्थिति पैदा हो गई है। इसमें पैसा इंवेस्ट करने वालों को मंगलवार को इसकी कीमत अचानक गिर जाने से जबरदस्त झटका भी लगा है। ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बिटक्वाइन समेत दूसरी आभासी मुद्रा भी धड़ाम हुई है। बीते कुछ वर्षों में दुनिया के कई देशों में इसका चलन बड़ी तेजी से फैला है और लोगों की दिलचस्पी भी इसमें बढ़ी है। हालांकि, भारत की बात करें तो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रिप्टो करेंसी को लेकर देश की जनता को आगाह कर चुके हैं। अब केंद्र क्रिप्टो करेंसी की रोकथाम के लिए आगामी शीतकालीन सत्र में एक बिल लाने की तैयारी कर रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत से भी इसमें पैसा लगाया गया है। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू होकर 23 दिसंबर को संपन्न होगा।
गौरतलब है कि पिछले दिनों पीएम मोदी ने पूरे विश्व से इसकी रोकथाम में हाथ बटाने और कदम उठाने की अपील की थी। उन्होंने यहां तक कहा था कि यदि ये गलत हाथों या नेटवर्क में पड़ गई तो इससे युवाओं की जिंदगी तक तबाह हो सकती है। सिडनी डायलाग के दौरान पीएम ने इसको गलत हाथों में जाने से रोकने की जो अपील की थी उसका कितना असर विश्व बिरादरी पर पड़ा है इसका तो पता सही मायने में आने वाले समय में ही लगेगा। इस पर रोक लगाने की तैयारी कर रही सरकार की चिंता इस बात को लेकर भी है कि ये आतंक को पालने पोसने का बड़ा जरिया बन सकती है। हालांकि रिजर्व बैंक आफ इंडिया की मानें तो क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगाने के लिए फिलहाल हमारे देश में कोई विशेष नियमन नहीं हैं।
वहीं सरकार इस पर रोक से पीछे हटना नहीं चाहती है। यही वजह है कि पीएम मोदी ने इसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में जो बिल लाने की कवायद में लगी है वो निवेशकों का जोखिम कम करने पर केंद्रित होगा। क्रिप्टो करेंसी पर देश की वित्त मंत्री पहले ही कह चुकी हैं कि उन्हें इससे काफी उम्मीद है। इस बिल का नाम द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेनशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 है। इसमें आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण की सुविधा के अलावा निजी क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की बात भी है। एएनआई के मुताबिक इसमें इस करेंसी को पूरी तरह से बैन करने की मांग की गई है। यदि इस बिल को संसद से मंजूरी मिल जाती है तो ये बड़ी बात होगी।