प्राथमिक शिक्षकों को राशन कार्ड सत्यापन कार्य से मुक्त किया जाय
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तराखण्ड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद पौड़ी ने प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के हित में प्राथमिक शिक्षकों को राशन कार्ड सत्यापन से मुक्त करने की मांग की है। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि राशन कार्ड सत्यापन में शिक्षकों की डयूटी लगने से जहां एक ओर पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है वहीं शिक्षा विभाग द्वारा प्रत्येक दिन मांगी जा रही सूचनाएं भी बाधित हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर राशन कार्ड सत्यापन के लिए शिक्षकों को बाध्य किया जायेगा तो संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी विभाग की होगी। संघ ने इस संबंध में जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल को ज्ञापन सौंपा है।
संघ के जिला मंत्री दीपक नेगी ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि जनपद पौड़ी गढ़वाल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत राज्य खाद्य योजना/राष्ट्रीय खाद्य योजना राशन कार्डों के घर-घर जाकर सत्यापन/जांच कार्य चल रहा है। इस कार्य में प्राथमिक शिक्षकों की डयूटी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षक विद्यालयों में भौतिक रुप से उपस्थिति देकर विद्यालय के छात्रों को ऑफलाईन, ऑनलाईन शिक्षण कार्य, छात्रों का वर्क सीट कार्य, बर्चुवल प्रशिक्षण व अन्य प्रकार के ऑनलाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम कर रहें हैं। पहाडी क्षेत्र होने के कारण प्राथमिक शिक्षक दूरसंचार की व्यवस्था ठीक न होने के कारण छात्रों को मोबाईल फोन व नेटवर्क की उपलब्धता के अनुसार ही पठन-पाठन करवाते हैं, जबकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में शिक्षकों से शिक्षण कार्य के अलावा कोई अतिरिक्त कार्य कराये जाने का प्रावधान नहीं है। आरटीई अधिनियम 2009 का खुला उल्लघंन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राशन कार्ड बनाने में पूर्व में बहुत सारी विसंगतियां व्याप्त है। यदि अध्यापक इस कार्य को करता है तो वह ग्राम वासियों की राजनीति का शिकार होगा और विवाद की स्थिति उत्पन्न होगी। लंबे समय से एक ही कार्यक्षेत्र में तैनात शिक्षकों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हैं कि अगर किसी का राशन कार्ड निरस्त होता हैं तो वह गांव वालों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। इसलिए प्राथमिक शिक्षकों को राशन कार्ड सत्यापन की डयूटी से मुक्त किया जाना चाहिए।