उत्तराखंड

आजीविका संवर्द्धन में मदद्गार होंगे बांस-रिंगाल से बने उत्पाद

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रुद्रप्रयाग। मुख्यालय में वन पंचायत उत्तराखंड एवं सर्व कल्याण विकास समिति के सहयोग से सात दिवसीय बांस-रिंगाल हस्तशिल्प का निशुल्क प्रशिक्षण शुरू हो गया। इस मौके पर हैंडीक्राफ्ट बनाने से लेकर बांस से तैयार होने वाले कई चीजों के बारे में बताया जा रहा है। दि क्रिएटिव स्पेस, भीमराव अंबेडकर भवन बेलनी में विकास समिति (एसकेवीएस) की अध्यक्ष पूजा सेमवाल ने वन पंचायत उत्तराखंड की ओर से आयोजित बांस-रिंगाल हस्तशिल्प प्रशिक्षण के उद्घाटन अवसर पर कहा कि वर्तमान समय में बांस-रिंगाल से कई तरह से रोजगार पैदा किया जा सकता है। बांस की खेती, साजो सज्जा का सामान तैयार कर, हैंडीक्राफ्ट बनाने से लेकर अन्य कई कार्यों के जरिए बांस को बेहतर आजीविका का साधन बनाया जा सकता है। जबकि बांस-रिंगाल प्लास्टिक के बड़े विकल्प के तौर पर भी तैयार हो रहा है। घर में इस्तेमाल होने वाला 80 फीसदी सामान बांस एवं रिंगाल से बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समिति के सहयोग से विभिन्न ग्राम पंचायतों में समय-समय पर निशुल्क श्बांस- रिंगाल हस्तशिल्पश् प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाजारों में बांस- रिंगाल के उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। विशेष तौर पर फर्नीचर, लैंप शेड, क्रकरी सहित अन्य घरेलू उत्पादों को लोग काफी पंसद कर रहे हैं। बांस से बना समान सस्ता होने के साथ टिकाऊ भी है। प्रशिक्षण दे रहे मास्टर ट्रेनर प्रेम लाल ने अपना प्रशिक्षुओं के सम्मुख अपने अनुभव साझा किए। कहा कि में बांस आजीविका का एक बेहतर विकल्प बन सकता है। उन्होंने सभी लोग से प्लास्टिक का इस्तेमाल छोड़ इको फ्रेंडली समान उपयोग करने की अपील की। प्रशिक्षण के पहले दिन मास्टर ट्रेनर प्रेम लाल ने प्रशिक्षण में शामिल लोग को बांस एवं रिंगाल से के पौधे की पहचान, पुराने एवं नए बांस की पहचान करना, हैंडीक्राफ्ट या अन्य उत्पाद बनाने के लिए कैसे उचित बांस एवं रिंगाल का चयन किया जाए इसकी जानकारी दी। इस मौके पर समिति के सदस्य नवदीप शाह, आशा नेगी, किरण नेगी, सपना, शिवानी, दिव्या आदि मौजूद थे।

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