उत्तराखंड

काश्तकारों को दिया जड़ी-बूटी का प्रशिक्षण

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चमोली। नीती घाटी के कई ग्रामीणों के काश्तकारों ने जड़ी-बूटी शोध संस्थान मंडल में विभिन्न औषधीय पौधों के बारे में जानकारी हासिल की। साथ ही उन्हें विपणन और बाजार की व्यवस्था के बारे में भी जानकारी दी गई। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क वन प्रभाग जोशीमठ की ओर से लाता-तपोवन कैट प्लान के तहत विभिन्न गांवों के काश्तकारों को जड़ी-बूटी शोध संस्थान मंडल का सात दिवसीय भ्रमण कराया गया। जिसमें नीती, गमशाली, मेहरगांव और मलारी के काश्तकार शामिल रहे। काश्तकारों को कूट, अतीश, कुटकी, जीरा, काला जीरा, फरण, डौलू, चौरू आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षकों ने बताया कि भविष्य में इसकी अपार संभावनाएं हैं। समापन कार्यक्रम के दौरान मुख्य वन संरक्षक नंदा देवी वायोस्फियर रिवर्ज गोपेश्वर के निशांत वर्मा, नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के उपवन संरक्षक वीपी मार्तोलिया, जड़ी-बूटी शोध संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक ड़ सीपी कुडियाल, वैज्ञानिक ड़ अरविंद भंडारी, कार्यक्रम के सह आयोजक नीती माणा औद्योगिक सांस्तिक व खेल विकास समिति के सचिव धीरेंद्र गरोडिया आदि मौजूद रहे।

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