विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की हड़ताल, जनता परेशान
-मांगों को लेकर बैंक, आयकर व डाक विभाग के कर्मचारी मंगलवार को भी रहे हड़ताल पर
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से मंगलवार को भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। कर्मचारियों की हड़ताल व छुट्टी के चलते बैंक पिछले चार दिनों से बंद हैं, जिससे कोटद्वार क्षेत्र के कई एटीएम भी खाली हो गए हैं। मंगलवार को लोग कैश के लिए इधर-उधर भटकते हुए नजर आए। वहीं, आयकर समेत डाक विभाग के कर्मचारी भी लगातार दूसरे दिन हड़ताल पर रहे। जिससे सारा कामकाज ठप रहा।
बैंक कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि वह लंबे समय से अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार बैंकों का निजीकरण कर रही है, जिससे कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए निजीकरण को बढ़ावा दे रही है और कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। कहा कि सरकार ने जल्द अपने निर्णय को वापस नहीं लिया तो देशभर के बैंक कर्मचारी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
उधर, सरकार की वादाखिलाफी से आक्रोशित आयकर कर्मचारी महासंघ के सदस्यों ने मंगलवार को भी हड़ताल जारी रखी। महासंघ के सदस्यों ने कहा कि नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन की सरकार के साथ कई बार वार्ता हुई। जिसमें कर्मचारियों की समस्याओं को रखा गया। सरकार ने इन सभी समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन दिया, लेकिन उसके बावजूद कर्मचारी विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है। जिससे कर्मचारी आक्रोशित हैं। उन्होंने कहा कि जल्द सरकार ने कर्मचारियों के हित में समस्याओं का निस्तारण नहीं किया तो वह उग्र आंदोलन करेंगे।
बैंक कर्मचारी इन मांगों को लेकर हैं हड़ताल पर
-बैंकों का निजीकरण रोका जाए।
-आउटसोर्सिंग बंद की जाए।
-सभी ठेका कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
-हेयरकट्स पर रोक लगाई जाए। खराब ऋण की वसूली शुरू की जाए।
-नेशनल पेंशन स्कीम को समाप्त किया जाए।
-महंगाई भत्ते से संबद्ध पेंशन योजना बहार की जाए।
आयकर कर्मचारी इन प्रमुख मांगों को लेकर हैं हड़ताल पर
-नई पेंशन व्यवस्था को हटाकर पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करें।
-जनवरी -2020 से जून -2021 तक के रोके गए डीए एरियर को जारी करें।
-प्रत्येक पांच वर्ष में वेतन निर्धारण को शुरू करना और एक जनवरी 2021 से 8वें वेतनमान को लागू करें।
-नए पदों के सृजन पर रोक को हटाएं।
-मृतक आश्रितोें की नियुक्ति के लिए पांच प्रतिशत सीलिंग लिमिट को समाप्त करें।
-सभी कैजुअल व संविदा पर रखे गए कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
कोरोना में दिल से की सेवा, अब सिस्टम नौकरी से निकालकर चुका रहा एहसान
-बेस अस्पताल कोटद्वार में कोरोना ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों की 31 मार्च को की जा रही सेवा समाप्त
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कोरोना महामारी के बीच बेस अस्पताल कोटद्वार में स्वास्थ्य विभाग ने 33 कर्मचारियों को आउटसोर्स के माध्यम से कोरोना ड्यूटी पर तैनात किया। अब इन कर्मचारियों की कल 31 मार्च को सेवा समाप्त की जा रही है। इससे आक्रोशित कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कोरोना के दौरान पूरे दिल से लोगों की सेवा की और अब सिस्टम उन्हें नौकरी से निकालकर उसका एहसान चुका रहा है।
मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने कहा कि जब स्वास्थ्य विभाग को उनकी जरूरत थी तो उन्होंने कोरोना महामारी के बीच अपनी जान की परवाह किए बिना पूरी निष्ठा से कार्य किया। लोग कोरोना से इतने भयभीत थे कि अपने परिचितों को भी हाथ लगाने से डरते थे। ऐसी परिस्थिति में कोरोना ड्यूटी में तैनात सभी कर्मचारियों ने मरीजों को सहारा दिया और उनका ख्याल रखा। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग इन कर्मचारियों के कार्यों को भूल रहा है और उन्हें नौकरी से निकाल रहा है। इस दौरान युद्धवीर सिंह, हिमांशु, राकेश रावत, रेखा, साक्षी रावत, स्वाति, मोनिका, सोनी, मनीष कुमार आदि मौजूद रहे।