कोटद्वार-पौड़ी

सीईसी ने की पाखरो रेंज में निर्माणाधीन टाइगर सफारी व अवैध पातन और अवैध निर्माण कार्यों की जांच

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-सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी ने लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग का भी किया निरीक्षक, जताई नाराजगी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग निर्माण सहित कालागढ़ वन प्रभाग के तहत पाखरो रेंज में निर्माणाधीन टाइगर सफारी व अवैध निर्माण मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट की ओर से पीवी जयकृष्णन की अध्यक्षता में एक सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी गत सोमवार को उक्त मामलों की जांच के लिए कोटद्वार पहुंची और मंगलवार को कालागढ़ वन प्रभाग के अंतर्गत निर्माणाधीन टाइगर सफारी व अवैध पातन और अवैध निर्माण कार्यों के आरोपों की गहनता से जांच की।
मंगलवार को कमेटी ने उन तमाम जगहों पर जाकर निरीक्षण किया, जहां अवैध रूप से पेड़ काटे जाने और अवैध निर्माण की शिकायत थी। इससे पूर्व कमेटी ने सोमवार को निर्माणाधीन लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग का निरीक्षण किया। जांच में सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी (सीईसी) को भारी अनियमितताएं मिलीं, जिस पर टीम ने नाराजगी भी जताई। जांच कमेटी ने मैली स्रोत पर पुल निर्माण में लगाई गई सामग्री को निकालने के लिए वन विभाग को कहा, साथ ही चमरिया स्रोत व सिगड्डी स्रोत नदी में बन रहे पुल की गहनता से जांच की। इसके अलावा 11 किलोमीटर वन मोटर मार्ग के अंदर एलिवेटेड फ्लाईओवर के लिए छोड़ी गई जगह पर भी नाराजगी जताई। वन सूत्रों के मुताबिक जांच टीम ने वन विभाग को कहा कि इस मार्ग का कोई वैकल्पिक मार्ग क्यों नहीं ढूंढा जा रहा है।


बता दें कि गढ़वाल और कुमाऊं मंडल को जोड़ने वाली एक मात्र रामनगर-कालागढ़-पाखरो-चिल्लरखाल-लालढांग मार्ग 21 साल से नहीं बन पाया है। इस मार्ग पर काफी समय तक कोटद्वार से रामनगर के बीच जीएमओ की सेवाएं संचालित होती थी, लेकिन ये अब बंद हो चुकी है। यहां तक की पाखरो-कालागढ़-रामनगर मार्ग पर निजी वाहनों की आवाजाही पर भी रोक है। वन्यजीवों की सुरक्षा के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में कार्बेट के बफर जोन से होते हुए सड़क बनाने की अनुमति दी थी, लेकिन इससे लोगों की राह आसान नहीं हो पा रही थी। लिहाजा राज्य सरकार ने वन्यजीवों के गलियारों पर एलिवेटेड मार्ग का प्रस्ताव सुझाया था। इसे नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड से भी मंजूर कर चुका है।

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