पंजाब में सरकारी नौकरियों में 33 फीसद महिला आरक्षण को मिली मंजूरी, एक लाख युवाओं को मिलेगी नौकरी

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चंडीगढ़, एजेंसी। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। पंजाब कैबिनेट ने राज्य में एक लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का फैसला लिया है। इसके अलावा कैबिनेट ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए पंजाब सिविल सेवा में सीधी भर्ती में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने को मंजूरी दे दी है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनाव के समय नौकरियां देने का वादा किया था। इस वादे को पूरा करने के लिए कैबिनेट ने बुधवार को सरकारी विभागों, बोर्डों व निगमों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए एक राज्य रोजगार योजना 2020-22 को मंजूरी दी। यहां चरणबद्घ तरीके से भर्तियां की जाएंगी।
पंजाब कैबिनेट ने बुधवार को झुग्गी झोपड़ी वालों को जमीन का मालिकाना हक देने के लिए के बनाए नियमों के नोटिफिकेशन को भी मंजूूरी दे दी है। इससे इन्हें बुनियादी सुविधाएं मिल सकेंगी। इसके अलावा पंजाब कैबिनेट ने षि कानूनों के खिलाफ बहस के लिए 19 अक्टूबर को पंजाब विधान सभा का विशेष सत्र बुलाने, कोविड- 19 के कारण सेवानिवृत्त डाक्टरों को तीन माह और एक्सटेंशन देने व आलू उत्पादकों की आय को बढ़ाने के पंजाब टिशु कल्चर बेस्ड सीड पेटैटो बिल 2020 को भी मंजूरी दे दी हैैै।
झुग्गी झोपड़ी वालों को जमीन के मालिकाना हक देने के लिए ‘पंजाब बिल डवैलअरज (प्रोप्रायटरी रायटस) एक्ट, 2020 के नियमों को नोटिफिकेशन करने की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है, जिससे इनको बुनियादी सुविधाएं मुहैया करनी यकीनी बनेंगी। स्थानीय निकाय विभाग ने पहले ही पंजाब बिल डवैलअरज (प्रोप्रायटरी रायटस), एक्ट 2020 की धारा 17 के उपबंधों को ध्यान में रखकर एक्ट को लागू करने के लिए शहरी स्थानीय इकाई के लिए रूप रेखा तैयार करने के लिए ‘बसेरा-मुख्यमंत्री झुग्गी झोपड़ी विकास प्रोग्राम’ तैयार किया था।
आलू उत्पादकों की आय को बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार ने ऐरोपोनिकस ध्नैट हाऊस सहूलतों का प्रयोग करते टिशू कल्चर आधारित प्रौद्योगिकी के जरिये आलू के मानक बीज के उत्पादन और आलू के बीज और इसकी अगली नस्लों की सर्टिफिकेशन का फैसला लिया है। कैबिनेट ने पंजाब टिशू कल्चर बेसड सीड पटैटो बिल, 2020 को मंजूरी दे दी है, जिससे आलू उत्पादकों की आलू के मानक बीज की मांग को पूरा किया जा सके और देश में राज्य का आलू बीज के एक्सपोर्ट (निर्यात) हब के तौर पर विकास किया जा सके। इस कदम से आलू के उत्पादन को उत्साहित करने में मदद मिलेगी।

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